छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव पद से गुरचरण सिंह होरा का चैप्टर क्लोज्ड.. मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया इस्तीफा..!
(शशि कोन्हेर) : रायपुर – ओलंपिक संघ के महासचिव पद से निकाले गए गुरचरण सिंह होरा का त्यागपत्र संघ के अध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मंजूर कर लिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष की हैसियत से ये इस्तीफा स्वीकृत किया है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने मंत्रालय ने इसकी जानकारी भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा को भी भेज दी है।
इसके बाद होरा की जगह अब भिलाई नगर के MLA देवेन्द्र यादव छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के महासचिव की जिम्मेदारी सम्भालेंगे। गत दिनों हुई ओलंपिक संघ की एक बैठक में गुरचरण सिंह होरा को महासचिव पद से हटाए जाने के बाद सर्वसम्मति से महासचिव बनाए गए देवेंद्र यादव हीअब इस पद का कार्यभार देखेंगे। एक विवादित ऑडियो टेप आने के बाद 20 सितम्बर 2022 को गुरुचरण सिंह होरा ने अपना इस्तीफा दे दिया था। हांलाकि इस्तीफे में किसी वायरल ऑडियो टेप की जगह स्वास्थगत कारणों का हवाला उन्होनें दिया गया था।
काफी दिनों तक जब होरा का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ,तब ओलम्पिक संघ के सदस्यों ने बैठक बुलाकर अविश्वास प्रस्ताव लाया और होरा को पद से हटाकर देवेन्द्र यादव को नया महासचिव बनाया था। संघ से हटाने की भनक लगने पर होरा ने बैठक को असंवैधानिक करार देते हुए, ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास जाने की बात कही थी लेकिन अब सीएम ने ही होरा के इस्तीफे पर अपनी स्वीकृति दे दी है।
प्रदेश के केबल टीवी कारोबार पर एकाधिकार को लेकर एक ऑडियो टेप वायरल हुआ था। उसमें कई मौकों पर बातचीत की रिकॉर्डिंग थी। इसमें कथित रूप से होरा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम का इस्तेमाल दबाव बनाने के लिए कर रहे थे। इसमें दावा किया गया है, अफसर उनको पल-पल की रिपोर्ट देते हैं, एसएसपी-कलेक्टर से कौन, क्या बात कर रहा है यह सब जानकारी उनके पास पहुंचती है।
वे नेताओं के भरोसे नहीं अफसरों के भरोसे यह सब कर रहे हैं। दावा ये भी किया जा रहा था कि, विधान सभा में बैठकर 11 केबल कारोबारियों के खिलाफ एक एफआईआर भी दर्ज करायी गयी थी। रायपुर के सभी कांग्रेसी विधायक उसके विरोध में थे,यह भी दावा है कि वे भाजपा के आदमी हैं। मोहन भागवत से उनका सीधा संपर्क है, और यह बात मुख्यमंत्री भी अच्छी तरह जानते हैं। इस कथित ऑडियो टेप के आने के बाद होरा ने सफाई भी दी थी और ऑडियो टेंपेरिंग कराने की बात कही थी।
पिछले महीने ही ओलम्पिक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष बशीर अहमद खान ने एक बैठक बुलाकर पूर्व महासचिव गुरुचरण सिंह होरा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इस बैठक में 29 में से 20 सदस्य शामिल हुए और सभी ने इस पर सहमति जताई थी और होरा को हटाकर MLA देवेन्द्र यादव को महासचिव बनाया गया था।
अविश्वास प्रस्ताव इसलिए लगाया गया क्योंकि 8 अगस्त 2020 से गुरुचरण सिंह होरा महासचिव के पद पर निर्विरोध चुने गए थे लेकिन उन्होंने अब तक ना कार्यकारिणी की बैठक बुलाई और ना ही सामान्य सभा ली गई जबकि नियमानुसार साल में एक बार सामान्य सभा आयोजित करने का नियम है। होरा पर आरोप था कि संघ के आय-व्यय की ऑडिट रिपोर्ट कार्यकारिणी और सामान्य सभा में पेश नहीं की गई। इसके अलावा उन्होंने कोषाध्यक्ष पद के इस्तीफे के स्वीकृत हुए बिना ही अपनी मनमानी से उस पद पर दूसरे व्यक्ति को बैठा दिया था। होरा के खिलाफ यह भी शिकायत आई थी कि उन्होंने नेशनल में गई टीम में भी खेलों के कोच और मैनेजर की जगह अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भेज दिया था और दोस्तों रिश्तेदारों के रुकने के लिए लग्जरी होटल किया गया था जबकि खिलाड़ियों के रुकने की बेहतर व्यवस्था नहीं थी।