ज्ञानवापी शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष, आज होगी सुनवाई
(शशि कोन्हेर) : वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग के साइंटिंफिक सर्वे के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से सीजेआई चंद्रचूड़ की अदालत में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है।
सर्वोच्च अदालत ने याचिका स्वीकार करते हुए जल्द सुनवाई को भी तैयार हो गई है। 19 मई यानी शुक्रवार को इस पर सुनवाई होगी। हिन्दू पक्ष को पहले ही मुस्लिम पक्ष के सुप्रीम कोर्ट जाने की आशंका थी। इसी को देखते हुए मंगलवार को हिन्दू पक्ष की तरफ से कैविएट दाखिल की गई थी। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने सुप्रीमकोर्ट में कैविएट दाखिल करते हुए अपील की कि उन्हें सुने बिना कोई भी आदेश पारित नहीं किया जाए।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र ने पिछले शुक्रवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग आकृति का वैज्ञानिक सर्वे कराकर उसकी आयु, प्रकृति और संरचना का निर्धारण करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को निर्देश दिया है कि आईआईटी रुड़की, आईआईटी कानपुर और बीएसआईपी लखनऊ द्वारा प्रस्तुत वैज्ञानिक रिपोर्ट के आधार पर सर्वे कराया जाए।
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी, मुख्य स्थाई अधिवक्ता बिपिन बिहारी पांडेय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से सहायक सॉलीसीटर जनरल ऑफ इंडिया शशि प्रकाश सिंह ने कोर्ट के समक्ष एक्सपर्ट की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि आईआईटी कानपुर, आईआईटी रुड़की आरबीएसआरबीएसपी लखनऊ के विशेषज्ञों की राय में ऐसी तकनीक उपलब्ध है जिनसे शिवलिंग की संरचना को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाए बिना उसकी आयु और प्रकृति का निर्धारण किया जा सकता है।
डायरेक्टर जनरल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से प्रस्तुत इस रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद हाईकोर्ट ने जिला जज वाराणसी के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी गई थी। हाईकोर्ट ने एएसआई को 22 मई को वाराणसी की जिला जज की अदालत में पेश होने का आदेश दिया था।
जिला जज को यह तय करना है कि एएसआई कौन सी जांच करेगा। इस बीच ज्ञानवापी के पूरे परिसर का एएसआई सर्वे कराने की भी मांग कर दी गई है। इस मांग पर भी जिला जज की अदालतम में 22 मई को सुनवाई होनी है।