(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। सतयुगहिया बस्ती धर्मनगरी रतनपुर के धार्मिक सामाजिक माहौल को बिगाड़ने वाले पाक्सो कांड में सर्वाधिक दुविधापूर्ण और समझ से परे स्थिति भारतीय जनता पार्टी की बनती जा रही है।
लोगों और सोशल मीडिया में चल रही चर्चा के अनुसार रतनपुर के इस चर्चित हो चुके कांड में अपनी पुत्री के साथ हुए दुष्कर्म की रिपोर्ट लिखाने वाली उसकी विधवा मां को ही साजिशन आठ 9 साल के एक नाबालिक बालक के साथ प्राकृतिक दुष्कर्म का आरोप लगवा कर पाक्सो एक्ट के तहत जेल भेज दिया गया।
इस मामले में जेल भेजे गए नाबालिक के साथ दुष्कर्म के आरोपी युवक आफताब मोहम्मद के पार्षद चाचा, हकीम मोहम्मद और रतनपुर के थाना प्रभारी कृष्णकांत सिंह के नाम से पूरे क्षेत्र में लोग आक्रोश में है। लोगों का कहना है कि इन दोनों की करामात के कारण ही आज रतनपुर में आक्रोश का बवंडर उठा हुआ है।
बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के द्वारा शनिवार को ही रतनपुर थाने का घेराव किया जा चुका है। पोक्सो एक्ट के तहत जेल भेजी गई दुष्कर्म पीड़िता की विधवा मां के साथ “न्याय की गुहार” का ज्ञापन जिले के पुलिस अधीक्षक के द्वार पर पहुंच चुका है। सोमवार को सर्व हिंदू संगठन के लोगों द्वारा बिलासपुर में पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर विरोध प्रदर्शन करने की चर्चा हो रही है।
दुष्कर्म पीड़िता लड़की की विधवा मां को फसाने के लिए साजिशन गढे गए पाक्सो कांड में लिफ्त आरोपी आरोपी को लेकर भाजपा समर्थक विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन आश्चर्य है कि भारतीय जनता पार्टी के रतनपुर ब्लॉक अध्यक्ष, बिलासपुर जिला अध्यक्ष के साथ ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और बिलासपुर से ही सांसद श्री अरुण साव की इस मामले में चुप्पी को लेकर भाजपा के ही कार्यकर्ता तरह-तरह की बातें कर रहे हैं।
उनका कहना है कि दुष्कर्म पीड़िता की विधवा मां को जेल भेजने के इस मामले में भाजपा के रतनपुर पार्षद हाकिम मोहब्बत की संलिप्तता को देखते हुए पार्टी को उसे तत्काल निकाल बाहर करना चाहिए। लेकिन पता नहीं क्यों.. भाजपा के, रतनपुर ब्लाक व बिलासपुर जिला और प्रदेश संगठन के अध्यक्ष द्वारा लोगों के गुस्से का केंद्र बने रतनपुर भाजपा पार्षद को ही अपने सीने से लगाकर लगातार अभयदान क्यों दे रहे हैं..?
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अरुण साव इस मामले में हस्तक्षेप कर तत्काल पूरी जानकारी लेनी चाहिए। और अगर उन्हें लगता है कि इस मामले में उनके पार्षद की भूमिका संदिग्ध है तो उसे तत्काल अनुशासन की कार्रवाई के दायरे में लाना चाहिए।
और यदि भारतीय जनता पार्टी अपने पार्षद को रतनपुर पाक्सो कांड में दोषी नहीं मानती है तो उसे अपने साथी संगठन बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं से पूछना चाहिए कि वे इस मामले में धरना प्रदर्शन और थाने का घेराव क्यों कर रहे हैं..?