जिससे छीन लिया था काम….फिर उसी अफसर के पास खुली केजरीवाल के बंगले की फाइल
(शशि कोन्हेर) : दिल्ली में इन दिनों’पावर की पलटबाजी’का दिलचस्प खेल देखने को मिल रहा है। सुप्रीम कोर्ट में जीत के बाद दिल्ली सरकार ने जिस अफसर को कामकाज से रोक दिया था उसे एक बार फिर कुर्सी मिल गई है। केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया है और इसके बाद विजिलेंस के मुखिया वाईवीवीजे राजशेखर को उनका पद और काम वापस मिल गया है। आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर राजशेखर से सारा काम छीन लिया था और उनके दफ्तर को सील कर दिया गया था। राजशेखर वही अधिकारी हैं जो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक सरकारी आवास में कथित तौर पर 45 करोड़ रुपए खर्च किए जाने की जांच कर रहे हैं। कामकाज संभालते ही उन्होंने फाइलों को पलटना शुरू कर दिया है और सबसे पहले इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि क्या इनसे छेड़छाड़ की गई है? राजशेखर ने सबूतों से छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाकर अपने अधिकारियों से शिकायत की थी।
अधिकारियों के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने एक आदेश जारी किया जिससे विशेष सचिव का ओहदा रखने वाले राजशेखर को अपना काम पहले की तरह जारी रखने की अनुमति मिल गई। एलजी के निर्देश पर जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि निदेशालय के अतिरिक्त निदेशक 10 मई की तरह अपने काम को आगे बढ़ा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट से आए आदेश के बाद 13 मई को सेवा मंत्री सौरभ भारद्वाज ने राजशेखर से सारा कामकाज वापस ले लिया था और इसे असिस्टेंट डायरेक्टर्स में बांट दिया। 11 मई के आदेश में सर्वोच्च अदालत ने ट्रांसफर-पोस्टिंग समेत सेवा मामलों से संबंधित सभी कामकाज पर दिल्ली सरकार का नियंत्रण बताया था। लैंड, पुलिस, और पब्लिक ऑर्डर के अलावा सभी विभागों के अफसरों पर दिल्ली सरकार को नियंत्रण दिया गया था।
दिल्ली सचिवालय में स्पेशल सेक्रेट्री विजिलेंस के ऑफिशियल चैंबर 403 और 404 का सील हटाने को को आदेश जारी किया गया। अधिकारियों के मुताबिक, राजशेखर की ओर से कार्यालय में घुसकर शराब घोटाले की जांच और बंगले पर खर्च से संबंधित फाइलों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था जिसके बाद इन्हें सील कर दिया गया था। वरिष्ठ अधिकारियों से कार्रवाई की मांग करते हुए राजशेखर ने यह भी आशंका जाहिर की थी कि कमरों में ‘बग’ लगा दिए गए होंगे और गोपनीयता भंग हो सकती है।
दिल्ली पुलिस को सूचना देने के साथ शिकायत की कॉपी केंद्रीय गृह मंत्रालय और एलजी दफ्तर को भी भेजी गई है। काम संभालते ही राजशेखर ने फाइल्स की इनवेंट्री बनाने का ऑर्डर दिया, जिसमें उनके दफ्तर और गोपनीय हिस्से में रखे फाइल्स के पेजों की गिनती भी शामिल है। इस बीच दिल्ली पुलिस ने भी राजशेखर की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि दोनों कमरों के बाहर कॉरिडोर और अन्य हिस्सों में लगे सीसीटीवी के फुटेज की जांच की जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा, ‘हम देख सकते हैं कि बहुत से लोग कॉरिडोर में फाइलों के लेकर घूम रहे हैं। फुटेज की बारीकी से जांच की जा रही है। यह संवेदनशील मामला है और हम इसकी जांच कर रहे हैं।’