24 घंटे में 82 हजार से अधिक केंद्रीय बलों को करें तैनात, पंचायत चुनाव को लेकर HC का निर्देश
(शशि कोन्हेर) : कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग को अगले 24 घंटों के भीतर 82,000 से अधिक केंद्रीय बलों को भेजने का निर्देश दिया है। इन जवानों को राज्य के उन जिलों में तैनात किया जाएगा, जहां हिंसक झड़पों में 8 लोगों की जान जा चुकी है।
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, ‘एसईसी 24 घंटे के भीतर सभी जिलों में पर्याप्त संख्या में केंद्रीय बलों को तैनात करने की मांग रखे। इन टुकड़ियों की संख्या 2013 के चुनाव में हुई तैनाती से कम नहीं होगी। निश्चित तौर पर अब इसकी संख्या अधिक होनी चाहिए क्योंकि जिले भी तो बढ़ गए हैं। साथ ही इन 10 सालों में मतदाता भी बढ़े हैं।’
हाई कोर्ट को बताया गया कि 2013 में जब राज्य में 17 जिले थे, तब पंचायत चुनाव 11-25 जुलाई के बीच पांच चरणों में हुए थे। इस दौरान 1,05,000 राज्य पुलिस कर्मियों, 82 हजार अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया था। 2018 के पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं हुई। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पश्चिम बंगाल में आगामी पंचायत चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती को मंजूरी दी है।
2013 के चुनावों का खूब हुआ जिक्र, मगर क्यों?
राज्य चुनाव आयोग (SEC) ने अदालत को सूचित किया कि उसने 8 जुलाई के पंचायत चुनावों के लिए अब तक केंद्रीय बलों की 6 कंपनियों की मांग की है।
इस पर अदालत ने निर्देश दिया कि केंद्रीय बलों की जितनी कंपनियों की मांग की जानी है, उनकी संख्या 2013 के चुनावों से अधिक होनी चाहिए। अदालत ने कहा कि आदेश को अव्यवहार्य बनाने के किसी भी प्रयास के प्रतिकूल परिणाम हो सकते हैं। एसईसी के वकील ने दलील दी कि अदालत को जो भी पर्याप्त लगता है, उसकी मांग तुरंत केंद्र सरकार से की जाएगी।
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर करीब 62,000 मतदान केंद्र हैं। राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के लिए 8 जुलाई को एक चरण में चुनाव होना है। चुनावी हिंसा को लेकर राजनीतिक बयानबाजियां भी जारी हैं।
भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘मैंने अवमानना याचिका दायर की थी। बुधवार के आदेश बहुत स्पष्ट हैं। 2013 में तैनात किए गए अर्धसैनिक बलों से ज्यादा जवानों को अब तैनात करना होगा। टीएमसी ने जमकर लूटपाट की है। अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।’