रूस में होगा तख्तापलट? पुतिन ने मॉस्को से भरी उड़ान, देश छोड़ने की लग रहीं अटकलें
(शशि कोन्हेर) : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत पर उतर आए येवगेनी प्रिगोझिन की भाड़े की वैगनर सेना तख्तापलट के मंशे से मॉस्को की तरफ कूच कर चुकी है। फ्लाइट राडार की रिपोर्ट के मुताबिक, एक विमान के मॉस्को से सेंट पीटर्सबर्ग के लिए उड़ान भरते हुए देखे जाने के बाद से ऐसी अटकलें तेज हो गई थीं कि पुतिन वैगनर की सेना के डर से मॉस्को से भागने का प्लान बना रहे हैं।
हालांकि, उनके प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इस बात से इनकार किया कि पुतिन रूस की राजधानी मॉस्को से भाग नहीं रहे हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रपति क्रेमलिन में काम के सिलसिले से गए हैं।
येवगेनी प्रिगोझिन के स्वामित्व वाली भाड़े की वैगनर सेना ने रूसी शहरों – वोरोनिश और रोस्तोव-ऑन-डॉन में सैन्य मुख्यालय पर नियंत्रण कर लिया है। इसके बाद वैगनर का सशस्त्र विद्रोह मास्को की ओर बढ़ रहा है। प्रिगोझिन ने कहा है कि जब से उन्होंने विद्रोह शुरू किया है तब से उनकी सेना पर तोपखाने और हेलीकॉप्टरों से हमला किया गया है।
पुतिन ने कहा कि येवगेनी प्रिगोझिन का “सशस्त्र विद्रोह” देशद्रोह था। इसके उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। टेलीविजन पर टेलिकास्ट एक आपातकालीन संबोधन में रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि जिसने भी उनकी सेना के खिलाफ हथियार उठाया है, उसे दंडित किया जाएगा।
मॉस्को की तरफ कूच कर चुकी है वैगनर सेना
इसी सप्ताह वैगनर की विद्रोही सेना ने यूक्रेन की सीमा पार कर रूसी मुख्य भूमि पर एक बड़ा अभियान शुरू कर दिया। कई पश्चिमी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रिगोझिन के स्वामित्व वाले भाड़े के सैनिकों ने शनिवार सुबह यूक्रेनी सीमा के पास प्रमुख पश्चिमी रूसी शहर वोरोनिश पर कब्जा कर लिया। इससे पहले शुक्रवार को वैगनर की सेना ने यूक्रेनी सीमा के पास रोस्तोव-ऑन-डॉन शहर पर कब्जा कर लिया था। उस इलाके से मॉस्को की दूरी करीब एक हजार किलोमीटर है। उसके बाद, वे कई सौ किलोमीटर मास्को की ओर चले गए।
वैगनर सेना पर हमला कर रही रूसी सेना
प्रिगोझिन ने शनिवार को एक ऑडियो संदेश में दावा किया कि उनका अभियान रूस की राजधानी मॉस्को की ओर जारी रहेगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रूसी सेना यूक्रेन में वैगनर लड़ाकों पर हमला कर रही है। हालांकि, रूसी सरकार ने अभी तक इस बारे में कुछ नहीं कहा है कि वैगनर के लड़ाकों ने वास्तव में यूक्रेन की सीमा से लगे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है या नहीं। कुछ सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह खबर सच है तो यूक्रेन में तैनात हजारों रूसी सैनिक खतरे में पड़ सकते हैं। क्योंकि उस स्थिति में हथियार और रसद आपूर्ति का रास्ता बंद हो जाने का खतरा है।