NCP पर कब्जे की कानूनी जंग शुरू….अजित पवार सहित 9 विधायकों को अयोग्य करने की मांग….EC को भी भेजा ईमेल
(शशि कोन्हेर) : महाराष्ट्र में बड़े सियासी उलटफेर के बाद अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में कब्जे को लेकर चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच कानूनी जंग शुरू हो चुकी है। अजित पवार ने रविवार को 18 विधायकों के साथ शिंदे सरकार का दामन थाम लिया। अजित समेत 9 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ले ली। अब एनसीपी ने अजित पवार समेत उन विधायकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है जो रविवार को शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल हुए हैं।
देर रात महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष जयंत पाटिल की ओर से प्रेस कांफ्रेंस की गई। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और आठ अन्य लोगों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है। पाटिल ने कहा कि अयोग्यता याचिका स्पीकर राहुल नार्वेकर को भेज दी गई है। इसके साथ ही चुनाव आयोग को भी ईमेल किया गया है।
दल बदल कानून के मुताबिक कोई भी नेता अयोग्यता से बच सकता है अगर जिस पार्टी को वो छोड़ रहा है, उसका दूसरे राजनीतिक दल के साथ विलय हो जाए। दूसरी शर्त ये रहती है कि कम से कम दो तिहाई सांसद या विधायक उस विलय से सहमत होने चाहिए। अब अजित पवार जो दावे कर रहे हैं, उसे इस कानून से जोड़कर देखते हैं।
बता दें कि महाराष्ट्र की 288 सदस्यों वाली विधानसभा में एनसीपी के पास 53 विधायक हैं, लेकिन अजित पवार के महाराष्ट्र सरकार के साथ आने के बाद दावा किया जा रहा है कि अजित पवार के साथ 40 विधायकों ने सरकार को समर्थन दिया है। इसके साथ ही अन्य 21 विधायकों का भी सरकार को समर्थन है। इसमें 12 निर्दलीय विधायक भी हैं।