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महाराष्ट्र की घटना का संयुक्त विपक्ष के प्रयासों पर बड़ा असर.. आगे बढ़ी विपक्षी दलों की बेंगलुरु संयुक्त बैठक

(शशि कोन्हेर) : महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता प्रतिपक्ष और शरद पवार के भतीजे अजित पवार के द्वारा पार्टी छोड़कर भाजपा शिवसेना सरकार में उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने से विपक्ष का हिसाब किताब भी गड़बड़ा गया है।

इस घटना को एनसीपी और समूची विपक्षी एकता के लिए झटका माना जा रहा है। विपक्षी दलों को एक करने की मुहिम में शरद पवार एक मजबूत स्तंभ बने हुए थे। लेकिन अब उनकी ही पार्टी में दो फाड़ होने से उनकी स्थिति कमजोर हुई है। इस घटना का संयुक्त विपक्षी दल की बेंगलुरु में होने वाली बैठक पर सीधा असर पड़ता दिखाई दे रहा है।

पहला असर तो यह है कि 13 और 14 जुलाई को होने वाली विपक्ष की संयुक्त बैठक अब बेंगलुरु में ही 17 और 18 जुलाई को होगी। 20 जुलाई को संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। जो 11 जुलाई तक चलेगा। इसी सत्र में समान नागरिक संहिता का विधेयक सदन में पेश हो सकता है। इसलिए 20 जुलाई के पहले 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाली बैठक पर विपक्षी एकता से कहीं अधिक महाराष्ट्र एनसीपी में हुए दो फाड़ और प्रस्तावित समान नागरिक संहिता विधेयक की छाया ही अधिक पडती दिखाई दे रही है।

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