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ममता बनर्जी की तरह चुनाव से पहले अशोक गहलोत व्हीलचेयर पर, सियासत या सहानुभूति?

(शशि कोन्हेर) : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की तरह व्हीलचेयर पर हैं। बंगाल चुनावों में व्हीलचेयर पर प्रचार कर रही ममता बनर्जी को लोगों की सहानुभूति मिली थी, अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी व्हीलचेयर पर ही सरकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों से रूबरू हो रहे हैं।

सीएम ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वे राज्य के लोगों की सेवा के लिए रात दिन लगे रहते हैं।बता दें सीएम गहलोत के पैर के अंगूठे में फ्रेक्चर हो गया था। चिकित्सकों ने एक सप्ताह आराम करने की सलाह दी है। लेकिन सीएम गहलोत ने कैबिनेट की मीटिंग की अध्यक्षता की है। साथ ही कार्यक्रमों में उपस्थित हो रहे हैं।

ममता बनर्जी के पैर में फ्रेक्चर हो गया था

उल्लेखनीय है कि पश्चिमी बंगाल में चुनावों से पहले जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पैर में फ्रेक्चर हो गया था, तभी ममता बनर्जी से अस्पताल और घर पर आराम करने की बजाय व्हीलचेयर पर ही प्रचार शुरू कर दिया था। इसकी वजह से ममता बनर्जी के प्रति लोगों ने सहानुभूति व्यक्त की थी। राजस्थान चुनावों पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी पैर में फ्रेक्चर हो गया तो वे भी आराम करने की बजाय कोशिश कर रहे हैं कि लोगों की बीच जाया जाए।

राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत अन्य नेताओं को आगे चल रहे हैं। उनके प्रचार के लिए काम कर रही एजेंसी भी हर जगह फ्रेम में गहलोत को ही रख रही है। किसी भी विभाग की कोई भी योजना हो मोदी की तरह फ्रेम में गहलोत ही दिखाई देते हैं। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी किसी भी उद्घाटन कार्यक्रम में फ्रेम में वही दिखाई देते हैं। दूसरा नेता या मंत्री कभी कभार ही दिखाई देता है।

गहलोत बोले- सरकार रिपीट होगी

बता दें, राजस्थान में 2023 के अंत में चुनाव होने के हैं। सीएम गहलोत दांवा करते रहे हैं कि उनकी सरकार इस बार रिपीट होगी। सीएम गहलोत का तर्क है कि राज्य में सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी माहौल नहीं है। सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं का लाभ सरकार को मिलेगा। पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा। सीएम गहलोत का यह भी कहना है कि बीजेपी साढ़े चार में सत्ता विरोधी माहौल खड़ा नहीं कर पाई है। फिलहाल सीएम गहलोत राजस्थान में आगे दिखाई दे रहे हैं।

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