कांग्रेसी रहे दो नेताओं को भाजपा ने दी राज्यों में कमान, फिर से हिमंता जैसा प्रयोग
(शशि कोन्हेर) : साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और उससे पहले होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा ने मोर्चेबंदी शुरू कर दी है। इसी क्रम में मंगलवार को कई राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं। इन सभी में दो प्रदेश अध्यक्ष बेहद खास हैं। एक हैं पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ और दूसरी हैं आंध्र प्रदेश की डी पुरंदेश्वरी। यह दोनों ही दिग्गज पूर्व में कांग्रेसी रह चुके हैं।
जिस तरह से भाजपा ने इन दोनों को इतनी अहम जिम्मेदारी दी है, उससे हिमंता बिश्वा सरमा का वाकया याद आ गया है। गौरतलब है कि हिमंता भी पहले कांग्रेस में ही थे। भाजपा में आने के बाद उन्हें असम का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया और फिर वह मुख्यमंत्री बने। आज भाजपा में हिमंता का कद काफी बड़ा हो चुका है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या सुनील जाखड़ और डी पुरंदेश्वरी भी इसे दोहरा पाने में कामयाब रहेंगे।
कौन हैं सुनील जाखड़
पिछले साल मई में कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हुए जाखड़ को पंजाब में पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जाखड़, अश्विनी शर्मा की जगह लेंगे। सुनील जाखड़ कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं। पंजाब में वह कांग्रेस के भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और यहां उनकी तगड़ी पकड़ है। वह तीन बार विधायक और एक बार सांसद भी रह चुके हैं। पहली बार 2002 में अबोहर से विधायक बनने वाले जाखड़ का जातीय समीकरण भी इस क्षेत्र में बिल्कुल सटीक है। वह एक बेहतरीन वक्ता भी हैं।
भाजपा चाहेगी कि आने वाले लोकसभा चुनाव में पंजाब में जाखड़ की जबर्दस्त पकड़ का फायदा मिले। गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन काफी खराब रहा था, ऐसे में जाखड़ के सामने भी यह एक बड़ी चुनौती होगी।
डी पुरंदेश्वरी को जानिए
डी पुरंदेश्वरी आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन टी रामाराव की बेटी हैं। वह कांग्रेस के टिकट पर विशाखापट्टनम से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में मंत्री भी रहीं। वर्ष 2014 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। वह वर्तमान में भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव हैं। पुरंदेश्वरी को आंध्र प्रदेश में पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
वह सोमू वीराजू की जगह लेंगी। अपनी जबर्दस्त भाषण शैली की वजह से पुरंदेश्वरी दक्षिण भारत में काफी मशहूर हैं। बताया जाता है कि वह पांच भाषाओं, हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगू, तमिल और फ्रेंच पर समान अधिकार रखती हैं। आंध्र प्रदेश में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उनके ऊपर काफी अहम जिम्मेदारी होगी।
भाजपा ने किए हैं सांगठनिक बदलाव
गौरलतब है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को सांगठनिक बदलाव करते हुए केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को तेलंगाना, सुनील जाखड़ को पंजाब, पूर्व केंद्रीय मंत्री डी पुरंदेश्वरी को आंध्र प्रदेश और पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी को पार्टी की झारखंड इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया। पार्टी ने साथ ही तेलंगाना की सत्ताधारी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से भाजपा में आने वाले पूर्व मंत्री एटेला राजेंद्र को राज्य में चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। तेलंगाना में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।