छत्तीसगढ़

बचे हुए किसानों को न्याय योजना की राशि का एक सप्ताह में सुनिश्चित करें भुगतान: कलेक्टर

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर : कलेक्टर सौरभ कुमार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत जिले के बचे हुए लगभग 2393 किसानों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान एक सप्ताह में करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजस्व, कृषि विभाग एवं सहकारी बैंक अफसरों को एक अभियान चलाकर एक-एक किसान से सम्पर्क कर उनके मामले का गंभीरता से निराकरण करने को कहा है।

कलेक्टर ने कहा कि खेती किसानी के काम में अब तेजी आ गई है। इस मामले मंे किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने टीएल की बैठक में अधिकारियों को जवाब के साथ उपस्थित होने को कहा है।


गौरतलब है कि बिलासपुर जिले में खरीफ वर्ष 2022 के अंतर्गत इस साल रिकार्ड संख्या में 1 लाख 18 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर सहकारी समितियों में धान बेचे थे। इनमें से अब तक की स्थिति में मात्र 2393 किसानों को छोड़कर 1 लाख 16 हजार के लगभग किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि का भुगतान किया जा चुका है।

बिलासपुर से प्रकाशित एक समाचार पत्र में जिले में 18 हजार किसानों की 20 करोड़ बोनस राशि अटकने संबंधी खबर का कृषि विभाग ने खण्डन करते हुए इसे तथ्य से परे बताया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विगत 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी की पुण्य तिथि पर बटन दबाकर किसानों के खातों में राशि जमा कराई है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न तकनीकी कारणों से सत्यापन नहीं किये जाने के कारण कुछ किसानों के भुगतान में विलंब हुआ है।

इनमें प्रमुख कारण भूमि स्वामी का नाम त्रुटिपूर्ण होना, भूस्वामी का प्रकार त्रुटिपूर्ण, भूमि का शासकीय होना, खाता बंद होना, पारिवारिक विवाद के कारण खाता ट्रांसफर नहीं होना, वन फसल विवरण नहीं मिलना, पीएमएफएस सत्यापन नहीं होना पाया गया है। इस तरह की दिक्कतें पहली दफा नहीं आई है। हर साल कुछ तकनीकी दिक्कतें आती हैं,जिनका समय-सीमा में निराकरण भी किया जाता है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में भी 1,859 किसानों का भुगतान विफल हुआ था जिसे बाद में निराकरण करके प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया। उप संचालक ने यह भी बताया कि त्रुटि सुधार कार्य का राज्य सरकार ने विकेन्द्रीकरण कर दिया गया है। अब तहसील स्तर पर भूमि संबंधी त्रुटि सुधार का कार्य होगा जिससे बचे मामलों का निराकरण में तेजी आयेगी।

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