राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने मनाया गुरु पूर्णिमा किया भगवा ध्वज पूजा
(मुंन्ना पाण्डेय) : लखनपुर+ (सरगुजा) आदि काल से ही भारत के सरजमीं पर गुरू शिष्य की प्रथा रही है। यदि धर्मग्रंथों की मानें तो भगवान शंकर के बाद महर्षि दतात्रेय को सबसे बड़ा गुरू माना गया है इसके बाद अंगिरा देवताओं के गुरू रहे। बाद इसके बृहस्पति ,भारद्वाज, शुक्राचार्य, महान गुरु हुए।
महाभारत काल में गुरू द्रोणाचार्य एकलव्य कौरव पांडव के गुरू हुये परशुराम कर्ण के गुरू थे। यथार्थ में किसी न किसी के कोई न कोई गुरू निश्चित रूप से होते हैं । बिना गुरु ज्ञान हासिल नहीं होता। वेदव्यास, गर्ग मुनि सांदीपनि दुर्वासा आदि अन्य महान गुरु हुए जिनका उल्लेख वेद पुराणो में मिलता है। भारतीय संस्कृति में गुरू को ईश्वर से भी बढ़कर माना गया है।
इसलिए संत कबीर दास ने गुरू और ईश्वर की तुलना करते हुए कहा है-
गुरू गोविन्द दोऊ खड़े काके लागूं पाय बलिहारी गुरु……
बिना गुरु ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती। संत ने गुरू के महत्व को समझाया है। संस्कृत में “गु” का अर्थ अंधकार (अज्ञान) “रू ” का अर्थ प्रकाश यानी (ज्ञान) होता है। गुरू अर्थात अंधकार से उजाले की ओर ले जाने वाला ।
आषाढ़ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाये जाने की परम्परा रही है इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय
स्वयं सेवक संघ खंड लखनपुर के पदाधिकारियों सदस्यों ने 8 जुलाई दिन शनिवार को प्राचीन स्वयं- भू -शिव मंदिर प्रांगण में बाकायदा भगवा ध्वज फहरा कर उसे गुरु का दर्जा देते हुए गुरू पूजन किया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भगवा ध्वज को अपना गुरु मानते हैं। संघ पदाधिकारियों सदस्यों ने गुरु पूर्णिमा मनाया।
इस मौके पर मुख्य वक्ता लोमश राम साहू प्रांत सेवा प्रमुख ने गुरू महिमा एवं गुरु पूजन के बारे में विस्तृत व्याख्यान दिया। गुरू पूर्णिमा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी। एक वर्ष में कम से कम पांच मित्र बनाने कहा।
स्वयं सेवक संघ के कार्य दायित्व को बखूबी समझाया ।
इस कार्यक्रम में जिला कार्यवाह संपत सिंह चंदेल खंड संचालक सत्यनारायण तिवारी, राजेंद्र जायसवाल, हरविंद अग्रवाल, प्रदीप गुप्ता, पूर्व नगर अध्यक्ष राजेश अग्रवाल, मंडल अध्यक्ष दिनेश साहू, राजेंद्र अग्रवाल, सिसोदिया, कुंजबिहारी गुप्ता,शशीधर पांडेय, डाक्टर रविभूषण पांडेय मुन्ना पांडेय, खंड संचालक यतेन्द्र पांडेय, सुरेश साहू, शैलेश पांडेय सुरेंद्र साहू, मुकेश साहू, विक्रम सिंह,हरि साहू तमाम स्वयं सेवक संघ के सदस्य शामिल रहे