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राम मंदिर पर नहीं होगा भूकंप के झटकों का असर, एक हजार साल तक मरम्मत की भी जरूरत नहीं

(शशि कोन्हेर) : अयोध्या में चल रहा राम मंदिर निर्माण का काम बहुत तेज और इंजीनियरों की कड़ी निगरानी में चल रहा है। मंदिर निर्माण में लग रहा हर मटेरियल उच्चतम गुणवत्ता और उचित मात्रा में लगाया जा रहा है। इसकी वजह से राम मंदिर बहुत ही मजबूत और कठोर बन रहा है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय का कहना है कि मंदिर को अगले एक हजार साल तक मरम्मत की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने यहां तक दावा किया कि मंदिर को रिक्टर स्केल पर भूकंप के 6.5 लेवल तक के झटके से भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

नींव 50 फीट गहरी, सिर्फ पत्थरों और सीमेंट का ही किया गया है इस्तेमाल


मीडिया सूत्रों के मुताबिक मंदिर निर्माण कार्य में लगी लार्सन एंड टूब्रो कंपनी का कहना है कि पिलर्स की मोटाई बढ़ाई गई है और दीवारों पर भारी पत्थर रखे गये हैं। नींव को भी बहुत मजबूत बनाया गया है। पूरी इमारत को ऊपर से नीचे तक इतनी मजबूती दी गई है कि बड़े से बड़े झटके से भी यह स्थिर रहेगी। नींव को 50 फीट गहरा और पूरी तरह से पत्थरों, सीमेंट और दूसरे मटेरियल से बनाया गया है। स्टील और लोहे का कहीं इस्तेमाल नहीं किया गया है।

राम मंदिर निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की संख्या 550 से बढ़ाकर 1600 कर दी गई है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि काम तेजी से हो सके और भक्त जनवरी 2024 तक भगवान रामलला का दर्शन कर सकें। पहले यह काम प्रतिदिन 18 घंटे ही होता था, अब यह 24 घंटे चल रहा है।

अब परिसर के निचले तल पर गर्भगृह में, जहां जनवरी 2024 में एक भव्य समारोह में भगवान राम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी, वहां केवल फ्लोरिंग और बिजली का काम बाकी रह गया है।

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