छत्तीसगढ़

शिक्षा विभाग घोटाला-निलंबन के पहले ही बहाली का कर दिया ठोस इंतजाम, निलंबन आदेश में ही जानबूझकर कर दी ये गलती

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। क्या शिक्षा विभाग के घोटाले में हाल ही में निलंबित हुए संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा एसके प्रसाद और विकास तिवारी तत्कालीन सहायक ग्रेड 2 कार्यालय संभागीय संयुक्त आयुक्त अधिकारी के निलंबन से पहले ही उनकी उनकी बहाली का ठोस इंतजाम कर लिया गया है। जानकार सूत्रों का कहना है कि निलंबन आदेश में ही जानबूझकर ऐसी गलती की गई है।

जिससे निलंबित हुए दोनों अधिकारियों का निलंबन समाप्त  सकता है। जानकार सूत्रों का कहना है कि निलंबित कर्मचारियों के निलंबन आदेश हमेशा ही पृथक पृथक होते हैं। जितने भी कर्मचारियों को  निलंबित किया जाता है। उन सब के लिए एक ही आदेश कभी जारी नहीं होता। वरन सबके लिए अलग-अलग सस्पेंशन ऑर्डर जारी होता है।

ऐसा करने की बजाय शिक्षा विभाग के खटराग अधिकारियों और बाबूओं ने शिक्षा घोटाले में निलंबित हुए प्रभारी संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा एसके प्रसाद और सहायक ग्रेड टू विकास तिवारी का निलंबन आदेश एक साथ जारी कर दिया है। जो कि हर हाल में गलत है। ऐसा मानने का कोई कारण नहीं है कि निलंबन आदेश बनाने वाले और उसे अपने दस्तखत से जारी करने वाले को इस नियम की जानकारी ना हो।

यह ऐसा विषय है जिसे हर शासकीय अधिकारी और कर्मचारी जानता है। इसके अनुसार शिक्षा घोटाले में निलंबित किए गए दोनों एस के प्रसाद और विकास तिवारी का निलंबन आदेश अलग-अलग जारी किया जाना था।

जानकार सूत्रों का कहना है कि इस त्रुटि के कारण निलंबित किए गए दोनों ही अधिकारियों का निलंबन समाप्त होकर कार्य पर बहाली की गुंजाइश मुकम्मल दिखाई दे रही है। अब इन दोनों ही निलंबित अधिकारियों को लाभ पहुंचाने के लिए निलंबन आदेश के मामले में यह गलती गलती से हुई है। अथवा जानबूझकर की गई है। इसकी जांच होने पर सारा माजरा स्पष्ट हो जाएगा।

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