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महाराष्ट्र के मतदाताओं जैसा नसीब किसी का नहीं…जिसको भी आंख मूंदकर वोट दिया उसकी ही बन गई सरकार

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। यह बात हम यूं ही नहीं कह रहे हैं। महाराष्ट्र की सियासत पर जरा गौर फरमाएं तो आपको लगेगा कि हमारी बात सौ फ़ीसदी सही है। वहां गुटबाजी ,तख्तापलट तथा दलबदल और मेल- बेमेल गठबंधनों के कारण इतनी गड्ढ मड्ड सरकारें बनी है कि हर मतदाता ने आंख मूंदकर जिस किसी भी पार्टी को वोट दिया था उसको भी सरकार बनाने का या सरकार में शामिल होने का मौका जरूर मिल गया है। मसलन,भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना ने मिलकर पिछला चुनाव लड़ा था। लेकिन चुनाव लड़ते ही दोनों में टूट-फूट हो गई और राज्य में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी व कांग्रेस पार्टी और शिवसेना की अजीबोगरीब सरकार बन गई।

आप जरा सोचिए विगत विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र के जिस मतदाता ने भारतीय जनता पार्टी को वोट दिया था केवल उसकी ही सरकार नहीं बन पाई थी। बाकी जिन्होंने भी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस पार्टी और शिवसेना को आंख मूंदकर अपना वोट दिया था। उन सभी के वोट वाली पाने वाली पार्टियों ने मिलकर सरकार बना ली। मतलब शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस तीनों के मतदाताओं पर ऊपर वालों ने रहम की और उनकी सरकारें बनवा दी। इस गठबंधन के बाद भारतीय जनता पार्टी का मतदाता ही ऐसा अकेला अभागा मतदाता रहा था जिसकी राज्य में सरकार नहीं थी।

लेकिन शिवसेना में हुई टूट-फूट के कारण भाजपा को आंख मूंदकर वोट देने वाल मतदाताओं के भी भाग खुल गए और प्रदेश में भाजपा शिवसेना की सरकार बन गई। इतना ही नहीं वरन राजनीति के दिग्गज शरद पवार की पार्टी को तोड़कर अजीत पवार भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना की सरकार में शामिल हो गए। रिपब्लिकन पार्टी के रामदास आठवले पहले से ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में है।

अब बताइए देश के और किसी राज्य का मतदाता इतना नसीब कौन है कि उसने चाहे जिसे वोट दिया हो सरकार उसी पार्टी की बनी है। अभी वहां विधानसभा चुनाव को लगभग 2 साल से भी अधिक समय बाकी है। इस दौरान हो सकता है कि वहां और भी किसी किसी पार्टी के गठबंधन की सरकारें बनती दिख सकती हैं।

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