गंभीर रूप से बीमार जवान को “एम्स” दिल्ली ले जाने के लिए बस्तर में पहली बार बना ग्रीन कॉरिडोर
(शशि कोन्हेर) : जगदलपुर :बस्तर के रिमोट एरिया में जवान नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं. ऐसे में जवानों को नक्सलियों के साथ-साथ मौसमी बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है.
बस्तर में जवानों को सबसे ज्यादा खतरा मलेरिया से होता है. नक्सली मोर्चे पर तैनात सीआरपीएफ का एक जवान मलेरिया की चपेट में है.जो इस समय जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है.
जिंदगी के लिए बना ग्रीन कॉरिडोर :जवान की जिंदगी बचाने के लिए डिमरापाल अस्पताल से जगदलपुर दंतेश्वरी एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. ताकि जवान को बिना किसी परेशानी के दिल्ली एम्स तक पहुंचाया जा सके.
ग्रीन कॉरिडोर के लिए जगदलपुर शहर से डिमरापाल अस्पताल तक जवानों की तैनाती की गई .इस दौरान डिमरापाल अस्पताल में CRPF और पुलिस के अधिकारी मौजूद थे .
बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में CRPF 153 बटालियन के जवान अकन राव को मलेरिया ने अपने चपेट में ले लिया. जिसके बाद जवान को बीजापुर जिले में प्राथमिक उपचार करने के बाद बेहतर उपचार के लिए डिमरापाल अस्पताल में 28 जुलाई को भर्ती कराया गया. जिसके बाद जवान की स्थिति को बिगड़ता देख उसे दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराने की तैयारी की गई.
जिसे देखते हुए पहली बार बस्तर पुलिस ने डिमरापाल अस्पताल से लेकर जगदलपुर एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया. आपको बता दें कि मेडिकल कॉलेज जगदलपुर से एयरपोर्ट तक 11 किमी लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. ऐसा पहली बार है जब किसी जवान के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया हो.