भारत का ‘अनार’ चला अमेरिका, हवाई मार्ग से अनार की पहली परीक्षण खेप का निर्यात
(कमल दुबे) : देश में बागवानी फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ किसानों की पैदावार को दूसरे देश में निर्यात भी किया जा रहा है। इसी क्रम में हवाई मार्ग से अमेरिका को ताजा अनार की पहली खेप का परीक्षण निर्यात किया है। इस पहल के बाद अनार के निर्यात में वृद्धि से अधिक कीमत प्राप्त होगी और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। अनार के आयातकों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है।
*किसानों को होगा लाभ*
अमेरिका में अनार का टेस्टिंग निर्यात एपीडा में रजिस्टर्ड ‘आईएनआई फार्म्स’ द्वारा किया गया, जो भारत से फलों और सब्जियों के शीर्ष निर्यातकों में से एक है। इसने किसानों के साथ सीधे काम करके केले और अनार की मूल्य श्रृंखला बनाई है।
एग्रोस्टार समूह के एक अंग के रूप में यह दुनियाभर के 35 से अधिक देशों में निर्यात किए जाने वाले उत्पादों को ध्यान में रखते हुए किसानों को कृषि विज्ञान, कृषि-निवेश और ऑफ-टेक की संपूर्ण सेवाएं प्रदान करता है। चूंकि बाजार के दूर-दराज के इलाकों में स्थित होने के कारण लागत ऊंची हो जाती थी।
इसलिए व्यापारिक कामकाज शुरू करने में अड़चन होती थी। अनार के परीक्षण निर्यात से भारतीय निर्यातकों और अमेरिकी आयातकों के बीच क्षमता निर्माण में मदद मिलेगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि गुणवत्तापूर्ण फलों का निर्यात किया जाता है।
*आम के बाद अब अनार की बारी*
वैसे तो अमेरिकी बाजारों में भारतीय आमों की काफी मांग है, ऐसे में निर्यातकों को उम्मीद है कि अनार भी अमेरिका में एक सफल उत्पाद बन जाएगा। अनार की निर्यात मूल्य श्रृंखला की क्षमता सुनिश्चित करने को मद्देनजर रखते हुए एपीडा राज्य सरकारों के साथ मिलकर ‘अनार-नेट’ के तहत खेतों को पंजीकृत करने के लिए नियमित आधार पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है।
एपीडा ने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में उच्च गुणवत्ता वाले भारतीय अनार की अनुमति देने का मार्ग खोलकर बाजार तक पहुंच हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
*‘भगवा अनार’ की बाजार में मांग ज्यादा*
अपनी उच्च एंटीऑक्सीडेंट सामग्री और सुपर फल विशेषताओं के कारण, महाराष्ट्र के ‘भगवा’ अनार में पर्याप्त निर्यात क्षमता है। अनार की ‘भगवा’ किस्म की विदेशी बाजारों में काफी मांग है। महाराष्ट्र का सोलापुर जिला देश से अनार निर्यात में लगभग 50 प्रतिशत योगदान देता है।
*इन देशों में होता है अनार का निर्यात*
2022-23 में, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बांग्लादेश, नेपाल, नीदरलैंड, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, बहरीन, ओमान सहित देशों में 58.36 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के 62,280 मीट्रिक टन अनार का निर्यात किया गया। भारत बागवानी फसलों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। वर्ष 2021-22 में भारत ने बागवानी फसलों का कुल 333.20 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) उत्पादन दर्ज किया, जिसमें से फलों और सब्जियों की हिस्सेदारी 90 प्रतिशत है। वर्ष 2021-22 के दौरान फलों का कुल उत्पादन 107.10 एमएमटी था और अनार का उत्पादन लगभग तीन एमएमटी था।
*अनार उत्पादन में भारत 7वें स्थान पर*
भारत दुनिया में अनार के उत्पादन में सातवें स्थान पर है और खेती का कुल रकबा लगभग 2,75,500 हेक्टेयर है। भारत में प्रमुख अनार उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान और आंध्र प्रदेश हैं। एपीडा ने अनार के निर्यात को बढ़ावा देने और आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं को दूर करने के लिए अनार के लिए निर्यात संवर्धन मंच (ईपीएफ) का गठन किया है। ईपीएफ में वाणिज्य विभाग, कृषि विभाग, राज्य सरकारों, राष्ट्रीय रेफरल प्रयोगशालाओं और उत्पाद के शीर्ष दस अग्रणी निर्यातकों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
बता दें कि फलों के निर्यात की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने हवाई मार्ग से अमेरिका को ताजा अनार की पहली खेप का परीक्षण निर्यात किया है। एपीडा ने अनार की जो पहली खेप अमेरिका को निर्यात की है, उसमें भारत के राष्ट्रीय पादप संरक्षण संगठन (एनपीपीओ) और अमेरिका की एनिमल एंड प्लान्ट हेल्थ इंस्पेक्शन सर्विस (यूएस-एपीएचआईएस), महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एमएसएएमबी), आईसीएआर-अनार पर राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र, सोलापुर (एनआरसी-सोलापुर) और अन्य का सहयोग था।