सहकारी राशन दुकानदारों का तुगलकी फरमान..पहले उनकी हल्दी, मिर्ची और धनिया पाउडर खरीदो, तभी मिलेगा गरीबी रेखा राशन कार्ड का सस्ता चावल
(भूपेंद्र सिंह राठौर के साथ जय साहू) : बिलासपुर – जिले के राशन दुकानों में अब उपभोक्ताओं को किफायती दर पर अनाज के साथ जेब से रकम खर्च कर राशन दुकानों से धनिया, हल्दी, मिर्च का पैकेट भी लेना पड़ रहा है। विभाग के अनुसार उपभोक्ताओं को मसाला लेने से बाध्य नहीं किये जाने की बात कही जा रही है पर दुकानदार उपभोक्ताओं को मसाला पैकेट नही लेने पर चावल शक्कर नही देने की बात कर रहे है।
छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा जारी किये गये आदेश के अनुसार नान पीडीएस योजना के तहत राशन दुकानों के माध्यम से मसाला बेचने के लिए शासन से मिले अनुमति के बाद योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया गया है। जिसमें एक कंपनी से एमओयू कर कंपनी को मसाला हल्दी, मिर्च एवं धनिया पाउडर को पीडीएस राशन दुकानों में सप्लाई के लिए अनुमति दिया गया है।
अनुमति मिलने के बाद दुकानदारों को मसाला सप्लायर का नंबर उपलब्ध कराया गया जिनके द्वारा सीधे राशन दुकान में मांग पर मसाला दिया जा रहा है। उपभोक्ताओं को मसाला देने के लिए बाकायदा दर का निर्धारण किया गया है, जिसमें 50 ग्राम मसाला 10 रूपये और 100 ग्राम मसाला 20 रूपये का दर निर्धारण किया गया है । मसाला बेचने पर दुकान संचालक को कमीशन मिलेगा जो उसके लिए अतिरिक्त लाभ होगा। लेकिन इसका दुरुपयोग इन दिनों राशन दुकानों में किया जा रहा है।
दुकान संचलाक पैसे कमाने की लालच में जबरन हितग्राहियों को मसाला के पैकेट थमा रहे है। यदि उपभोक्ता मसाला लेने से इंकार कर रहा है तो दुकानदार उन्हें धमकी देते हुए चावल शक्कर नही देने की बात कह रहे है। ऐसा ही मामला तिफरा के तीन दुकानों में सामने आया है, आप खुद ही सुनिए उपभोक्ताओं की पीड़ा।
राशन दुकानों में ग्राहकों के इच्छा होने पर खरीदने के आदेश के बाद भी राशन दुुकानो में मसाला अनिवार्य बताकर थमाया जा रहा है। पूछे जाने पर दुकान संचालक चुप्पी साध लेते हैं।
जब इस सम्बंध में जिले के सहायक खादय अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि नान द्वारा एक कंपनी से अनुबंध किया गया जिनके द्वारा सप्लाई किया जा रहा है। मसाला लेना उपभोक्ताओं की इच्छा पर है। यदि नहीं लेना चाहते है तो न ले।
लेकिन शहर में इस योजना का दुरुपयोग राशन दुकान संचालक कर रहे हैं हितग्राहियों को डरा धमका कर वे मसाला उन्हें थमहा रहे हैं। वहीं मजबूरन हितग्राहियों को दुकान से मसाला लेना पड़ रहा है।अब देखना होगा कि हितग्राहियों की शिकायत के बाद खाद्य विभाग के अधिकारी इन दुकान संचालकों पर क्या कार्यवाही करते हैं।