सर्वेश्वरी आश्रम कोनी सैंदरी से पौधों का वितरण और पर्यावरण की अलख जगाई गई
(शशि कोन्हेर).: बिलासपुर।खनन और औद्योगीकरण के नाम पर साल-दर-साल चले गये जंगल म इस इलाके की बर्बादी को दर्शा रहे हैं। बड़े पैमाने पर पेड़ो के कटने से पर्यावरणीय संकट खड़ा हुआ है। इस पूरे इलाके में इसकी भरपाई के लिए बाबा भगवान राम ट्रस्ट, श्री सर्वेश्वरी समूह अघोर परिषद् ट्रस्ट के अध्यक्ष पूज्यपाद अघोरेश्वर बाधा गुरुपद समय राम जी के निर्देशन एवं सद्प्रेरणा से सर्वेश्वरी सारीपण अभियान को मात्र आश्रम की चहारदीवारी तक ही सीमित न कर घर-घर बाडी, घर-घर पेड़, जीवन में हो खुशियाँ इस उध्द को लक्ष्य करते हुए जन-जन तक पहुंचाने का निर्णय लिया ।
इसका परिणाम यह हुआ है कि इस वृहद अभिमान में पूज्यपाद बाबाजी के सम्यक निर्देशन में श्री सर्वेश्वरी समूह शास्त्रा सेन्दरी (कोनी) बिलासपुर के अघोरपीठ आश्रम के सर्वेश्वरी सैनिकों, स्वयं सेवकों ने बिलासपुर नगर के आसपास ग्रामीण बस्तियों के प्रत्येक घरों पर एक दो फलदार पौधे का रोपण कर उनके दिलों में पेड़-पौधों के प्रति चाह जगायी है । इस अभियान में जनता जनार्दन का भी भरपूर सहयोग मिला है।
इस हेतु लोगों में जागृति बढ़ाने के लिए अघोरेश्वर भगवान राम जी के वृक्षारोपण संबंधी एवं परम पूज्य बाबाजी की अमृत वाणियों का प्रचार प्रसार भी किया गया। इन बस्तियों के घरों में जिसने पौधों को सुरक्षित रखने हेतु घेरा अथवा बाड़ी की व्यवस्था थी. उसी में सभी पौधे लगाये गये हैं। इस कार्यक्रम को ट्रस्ट के अध्यक्ष पूज्यपाद बाबा गुरुपद समय राम जी की प्रेरणा एवं निर्देशानुसार प्रारंभ किया गया है। जो कि अब गतिमान हो चुका है।
और नगर के ग्रामवासियों गणमान्य नागरिकों में इस अभियान के प्रति काफी रुझान एवं उत्साह भी प्रदर्शित हो रहा है। इस अभियान के अंतर्गत पौधा रोपण किया गया ।जिसका विवरण इस प्रकार है – ग्राम निरतू में 125 नग ग्राम लोकदी एवं लोखन्डी में 2 नग, ग्राम बिरकोना में 150 नग, ग्राम विस्पतिया पारा एवं आवास पारा में 110 नग, ग्राम घुटकू में 96 ग्राम सेमरताल एवं जलसी में 125 नग, ग्राम तुर्काडीह एवं मऊहारपारा में 142 नग, ग्रामीण जनों को ये 95 नग, आश्रम प्रांगण में 80 नग, ग्राम सैन्दरी आवासपारा में 90 और रमतला में 123 नग पौधे ग्राम जनों को बांटे गये। 30 नग, ग्राम रमतला में 123 नग, ग्राम करहीपारा में 130 नग, ग्राम आवास पाच 130 नग, आश्रम प्रांगण में 11 एवं 21 नग, ग्रामीण जनों को बांटे गये।