पर्युषण पर्व के सातवें दिन शांति कलश, मुलनायक, दादा गुरुदेव, मंगल दीपक की आरती एवं भक्ति संपन्न
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर । श्री जैन श्वेतांबर श्री संघ समाज के द्वारा परम पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व 2023 को शनिवार को बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए । दिन भर पूजा-पाठ कई धार्मिक आयोजन होते रहे । पर्व पर्यूषण पर्व का अंतिम दिवस रविवार को होगा । जिसमें प्रतिक्रमण दोपहर से चोपड़ा भवन में मंदिरमार्गी और स्थानकवासी संवत्सरी प्रतिक्रमण महिपाल सुराना कुदुदंड के निवास में होगा ।
पर्युषण महापर्व के सातवें दिन तारबाहर स्थित चोपड़ा भवन में पूजन वेशभूषा धारण कर स्तवन मुलनायक पूजा, शांति कलश पूजा, मंगल दीपक सहित कई धार्मिक आयोजन संपन्न हुए । समाज की श्रीमती शोभा मेहता एवं श्रीमती पुष्पा श्रीश्रीमाल द्वारा कल्प सूत्र का वाचन किया गया ।
इस अवसर पर नरेंद्र मेहता, रूपेश गोलछा, योगेश चोपड़ा, सुभाष श्रीश्रीमाल, संतोष चोपड़ा, मलय मुनोत, किरण चोपड़ा, दिनेश मुनोत, अमित, संजय छाजेड़, रवीन्द्र जंदानी, कविता मूनोत, रेखा पींचा, पूर्णिमा सुराना, प्रवीण कोचर, मीनू मेहता, अभिनव डाकलिया, अमित तुषार मेहता, पुष्पा श्रीश्रीमाल, गौतम बाफना, अजय जैन, अपेक्षा चोपड़ा, राशि, पंखुड़ी, प्रखर सहित समाज के लोग उपस्थित थे ।
तपस्या करने वालों में….
तपस्या करने वालों में लगातार 48 दिनों तक एक समय भोजन कर एकासना करने वाली मेहता परिवार की बहू अंजली मेहता साथ ही मीनू मेहता, संगीता भयानी, ज्योति भयानी, शोभा मेहता का भी लगातार छह दिनों से एकासना की तपस्या चल रही है । तपस्या में भावना चोपड़ा का अक्षय निधि का तप चल रहा है। इसी तरह समाज के कई श्रावक श्राविका गुप्त तपस्या भी कर रहे हैं।
बोली का लाभ
पर्युषण पर्व में प्रतिदिन बोली लगाई जा रही है । जिसमें शांति कलश, आरती सौरभ छाजेड परिवार एवं रात्रि में कुल नायक, दादा गुरुदेव मंगल दीपक की आरती की बोली महिपाल पूर्णिमा सुराना एवं परिवार ने धर्म लाभ लिया ।
संवत्सरी प्रतिक्रमण रविवार को
पर्युषण महापर्व के अंतिम दिन संवत्सरी प्रतिक्रमण होगा जिसमें सभी से जीव-जंतुओं से क्षमा याचना की जाएगी । मंदिरमार्गी समाज के श्रावक श्राविका का प्रतिक्रमण चोपड़ा भवन में शाम 4:00 बजे से होगा । वही स्थानकवासीयो का प्रतिक्रमण कुदुदंड निवासी महिपाल पूर्णिमा सुराना के निवास स्थान में शाम 5:30 बजे होगा। कल समाज में बड़ी संख्या में लोगों का अनाज का त्याग केवल जल ही लेंगे।