INDIA गठबंधन की बैठक से पहले नई फिराक में शरद पवार, बागियों के गढ़ में क्यों भर रहे हुंकार
(शशि कोन्हेर) : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के संस्थापक शरद पवार मुंबई में विपक्षी INDIA गठबंधन की बैठक से एक सप्ताह पहले शुक्रवार को कोल्हापुर में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करने वाले हैं। एनसीपी के शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट ने यह जानकारी दी है। एक सप्ताह पहले ही पवार ने बीड में भी रैली की थी। बीड राज्य के कृषि मंत्री और डिप्टी सीएम अजीत पवार के भरोसेमंद सहयोगी धनंजय मुंडे का गृहनगर है।
अब एक सप्ताह बाद शरद पवार अजित पवार के भरोसेमंद विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में जाकर मराठी मानुष का मूड मापेंगे। इसी सिलसिले में सीनियर पवार राज्यव्यापी दौरे पर निकलने के लिए तैयार हैं। अजित पवार के आठ अन्य विधायकों के साथ जुलाई में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी को विभाजन का सामना करना पड़ा था।
भतीजे अजित पवार के विद्रोह और भाजपा-शिवसेना से हाथ मिलाकर एकनाथ शिंदे सरकार में उप मुख्यमंत्री बनने के बाद से एनसीपी प्रमुख राज्य के विभिन्न हिस्सों में रैलियां कर रहे हैं। उन्होंने 17 अगस्त को बीड जिले में एक रैली को संबोधित किया, जो अजित पवार समूह के नेता और कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे का गृह क्षेत्र है।
शरद पवार गुट वाले एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा, “शरद पवार शुक्रवार (25 अगस्त) को कोल्हापुर में अपनी अगली सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे।” उन्होंने बताया कि कोल्हापुर की रैली के बाद शरद पवार शिंदे सरकार में सहकारिता मंत्री दिलीप वाल्से पाटिल के गृहनगर मंचर-अंबेगांव में भी रैली करेंगे, जिन्होंने हाल ही में अपने दम पर सरकार बनाने में सीनियर पवार की विफलता के बारे में बात की थी।
अपने राज्यव्यापी दौरे के दौरान शरद पवार प्रफुल्ल पटेल के गृहनगर गोंदिया में भी एक रैली को संबोधित करेंगे। प्रफुल्ल पटेल ने भी अजीत पवार से हाथ मिला लिया है। वह जलगांव और पुणे जिलों में भी रैलियों को संबोधित करेंगे। तापसे ने कहा, “हमने शरद पवार के राज्यव्यापी दौरे के लिए एक योजना का मसौदा तैयार किया है।” हालांकि, उन्होंने जलगांव और पुणे जिले में होने वाली रैलियों के लिये तारीखों की जानकारी नहीं दी।
बता दें कि मुंबई में 31 अगस्त और एक सितंबर को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक होने वाली है। उससे पहले शरद पवार रैलियों को संबोधित कर रहे हैं और नरेन्द्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोल रहे हैं। हाल में पुणे में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बागी एनसीपी नेताओं पर जमकर हमला बोला और कथित तौर पर उन्हें “कायर” कहा था, जो कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए थे। हालांकि, एनसीपी संस्थापक ने किसी का नाम नहीं लिया।
माना जा रहा है कि शरद पवार इन रैलियों के जरिए मराठी मानुष से न केवल भावनात्मक और सियासी संवाद करेंगे बल्कि वह इस दौरान विद्रोही गुट के समर्थकों का मूड भी मापेंगे। इससे पहले उनकी रैलियों में खूब भीड़ उमड़ रही है। पिछले साल शिवसेना में हुए विद्रोह के बाद उद्धव ठाकरे ने भी जनता के बीच जाने का फैसला किया था, जिसका फायदा उन्हें दिख रहा है। कई सर्वे में ये बात सामने आ चुकी है कि जनता के दिलो-दिमाग में उद्धव गुट की शिवसेना के प्रति झुकाव है। माना जा रहा है कि उसी तरह की लहर शरद पवार भी अपने पक्ष में पैदा करना चाह रहे हैं।