प्रधानमंत्री के खिलाफ बयानबाजी देने वाले नेता आखिरकार चीन के खिलाफ क्यों नहीं भड़कते..?
(शशि कोन्हेर) : भारतीय जनता पार्टी के नेता अगर केंद्र की एनडीए सरकार और विशेष कर राहुल गांधी पर चीन समर्थक बर्ताव करने का आरोप लग रहे हैं तो उसकी वजह भी हैं। दरअसल चीन के मामले में एनडीए सरकार विरोधी नेता जितनी मुखरता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करते हैं उतनी ही तेज आवाज में कभी भी चीन को ललकारते नहीं देखे गए हैं।
इस बार भी जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश पूर्वी लद्दाख के के क्षेत्रों और दक्षिण चीन सागर का जिक्र अपने नक्शे में किया तो एनडीए विरोधी यही नेता चीन के खिलाफ बोलने भड़कने की बजाय पूरी शिद्दत से एनडीए सरकार और प्रधानमंत्री पर भड़काने में समय जाया कर रहे हैं। दरअसल चीन कोअब यह समझ में आ रहा है कि यह भारत, वह भारत नहीं है जो 1962 के दौरान उसके लिए नरम चारा बना हुआ था।
इसी तरह देश के नेताओं को भी एकजुट होकर चीन को यह संदेश देना चाहिए कि अगर उसने भारत की ओर आंख उठा कर भी देखी तो उसके दुष्परिणाम उसे भुगतने होंगे। लेकिन ऐसा करने की बजाय अनेक नेता चीन के खिलाफ एक शब्द भी बोलते नजर नहीं आते। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते लगाते उनकी जुबान नही थकती।