DMK से नाता नहीं तोड़ा तो तय हो जाएगा हिंदू विरोधी हैं, राहुल गांधी पर बरसे असम CM हिमंत बिस्वा सरमा
(शशि कोन्हेर) : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के मंत्री बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को खत्म किए जाने संबंधी दिए गए बयान पर सियासी उबाल थमने का नाम नहीं ले रहा। विवादित टिप्पणी के बाद से ही बीजेपी के तमाम नेताओं और मंत्रियों ने जमकर डीएमके और कांग्रेस पर हमला बोला है।
इंडिया गठबंधन में डीएमके के शामिल होने के चलते उदयनिधि के बयान की आंच अब कांग्रेस पार्टी तक आ गई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और राहुल गांधी को घेरा है। साथ ही, असम सीएम ने कांग्रेस से डीएमके के साथ गठबंधन भी तोड़ने की मांग की।
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “मेरे पास उस नेता का बयान है और यही बयान कांग्रेस के एक सांसद चिदंबरम ने भी जारी किया था। मैंने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का भी कमोबेश इसी तरह का बयान देखा है। मेरे पास भी है।” मैं तमिलनाडु के मंत्री की निंदा नहीं करना चाहता क्योंकि उन्होंने खुद को बेनकाब कर दिया है।
लेकिन सवाल यह है कि क्या कांग्रेस पार्टी अब भी डीएमके के साथ गठबंधन में रहेगी… यह राहुल गांधी के लिए एक परीक्षा है। उन्हें इस बारे में निर्णय लेना होगा कि वह सनातन धर्म का सम्मान करते हैं या नहीं। अगर उन्होंने डीएमके से नाता नहीं तोड़ा तो तय हो जाएगा कि वे हिंदू विरोधी हैं।”
उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना वायरस से की थी, जिसके बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। मंत्री ने कहा कि इसका न केवल विरोध किया जाना चाहिए, बल्कि इसे खत्म कर देना चाहिए।
‘सनातन उन्मूलन सम्मेलन’ में बोलते हुए, उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। उन्होंने सम्मेलन में कहा था, “कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही किया जाना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे खत्म करना है। इसी तरह हमें सनातन को खत्म करना है।”
स्टालिन के इस बयान के बाद राजनीतिक उबाल आ गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख जेपी नड्डा ने रविवार को एमके स्टालिन के बेटे और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन पर “सनातन धर्म” पर उनकी हालिया टिप्पणी को लेकर निशाना साधा, सवाल किया कि क्या यह इंडिया गठबंधन की चुनावी रणनीति की पार्टी थी?
इंडिया गठबंधन को घमंडिया गठबंधन करार देते हुए, जेपी नड्डा ने विपक्षी गुट की आलोचना की और कहा, “उदयनिधि स्टालिन ने यह टिप्पणी तब की, जब तीन दिन पहले, वे (इंडिया गठबंधन के सदस्य) एक रणनीति बनाने के लिए मुंबई में मिले थे।
क्या यह सनातन धर्म को खत्म करने की उनकी राजनीतिक रणनीति है?” विपक्षी गुट इंडिया ने मुंबई में अपनी तीसरी बैठक की थी, जिसमें राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और अन्य सहित कई विपक्षी नेताओं ने भाग लिया था।