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निश्चिंत रहो, कुत्ते को टीके लगे हैं; डाॅग मालकिन की बात पर नहीं लिया इंजेक्शन, बच्चे की मौत

(शशि कोन्हेर).: गाजियाबाद के विजयनगर क्षेत्र की चरणसिंह कॉलोनी में कुत्ते के काटने के करीब डेढ़ माह के बाद 15 वर्षीय किशोर की हालत बिगड़ने से मौत हो गई। मौत से तीन दिन पहले किशोर में रेबीज के लक्षण दिखाई देने शुरू हुए थे। परिजनों ने किशोर को गाजियाबाद और दिल्ली के कई अस्पतालों में दिखाया। सोमवार घर वापसी के दौरान किशोर की एंबुलेंस में मौत हो गई।

वहीं, घटना के बाद चरण सिंह कॉलोनी में रहने वाले मतलूब ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उसके पड़ोस में रहने वाली सुनीता नाम की महिला ने छह-सात कुत्ते पाल रखे हैं। उसने अपने कुत्तों को किसी प्रकार का टीका नहीं लगवाया हुआ है और उन्हें गली में खुला छोड़कर रखती है। खाना न मिलने के कारण कुत्ते आए दिन आज पड़ोस के बच्चों को काटते हैं।

शिकायत करने पर सुनीता का बेटा आकाश और बेटी शिवानी आग बबूला हो जाते हैं और झूठी शिकायत देकर शिकायतकर्ताओं को ही थाने में बंद करवा देते हैं। अगर कोई व्यक्ति शिकायत करता है तो राशि नाम की महिला खुद को कुत्ते पालने संबंधी संस्था की अध्यक्ष बताती है और सुनीता और उसके परिवार वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने देती। वह इन लोगों के गिरोह की सरगना है।

एक महीने पहले उनके 14 वर्षीय पोते सावेज को सुनीता के कुत्ते ने काट लिया था। इसकी शिकायत उनके बेटे याकूब और गली के लोगों ने मिलकर की तो सुनीता ने कहा सभी कुत्तों को टीके लगवाने की बात कहते हुए निश्चित रहने को कहा। सुनीता के यह कहने से याकूब और उसके परिवार वाले बेफिक्र हो गए, लेकिन याकूब के बेटे सावेज में रेबीज के लक्षण दिखाई देने लगे।

डॉक्टर ने बताया कि जिस कुत्ते ने सावेज को काटा है, उसे कोई टीका नहीं लगा है। आखिरकार उनके पोते की मौत हो गई। एसीपी निमिष पाटिल ने कहा कि मृतक बच्चे के दादा की शिकायत पर सुनीता उसके बेटे आकाश, बेटी शिवानी और राशि नाम की महिला के खिलाफ लापरवाही से मौत का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच कारगामी कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल, मूलरूप से बुलंदशहर के ताजपुर गांव के निवासी याकूब तीन वर्ष से विजयनगर क्षेत्र की चरणसिंह कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। परिवार में उनकी पत्नी नूरबानो और चार बच्चे हैं। परिजनों के अनुसार तीन दिन पूर्व उनके बड़े बेटे शावेज को अचानक तेज बुखार हुआ। बुखार के साथ किशोर अजीब आवाज निकालने लगा और पानी से डरने जैसे रेबीज के लक्षण भी दिखाई देने लगे। परिवार के लोगों ने शुरू में इसे बुरी नजर का असर समझा और झाड़फूंक कराई।

परिवार को पहले बता दिया होता तो बच जाती जान
किशोर के परिवार के अलावा आस पड़ोस के लोगों का कहना है कि यदि किशोर पहले कुत्ते द्वारा काटे जाने के बारे में बता देता तो उसकी जान बच सकती थी। लेकिन उसने डर के मारे परिजनों से छिपाया और उसकी बीमारी लाइलाज हो गई।

पड़ोसन पर लगाया जुर्माना
कुत्ते के काटने के डेढ़ माह  बाद किशोर की मौत होने के मामले में नगर निगम में बिना पंजीकरण के कुत्ते पालने वाली पड़ोसन पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। किशोर के दादा महमूद ने आरोप लगाया था कि उनके पड़ोस में रहने वाली एक महिला अपने घर में कुत्ते पालती है और साथ आवारा कुत्तों को भी रोटी व दूसरी खाद्य सामग्री देती है। महिला के घर के सामने हर वक्त कुत्ते जमा रहते हैं। उन्हीं में एक कुत्ते ने उनके पोते को काटा।

निगम के पशु चिकित्सा कल्याण अधिकारी अखिलेश कुमार ने बताया कि महिला ने घर में दो पॉमेरेनियन नस्ल के कुत्ते पाल रखे हैं जिनका पंजीकरण नहीं कराया हुआ है। इसलिए उन पर पांच हजार का जुर्माना लगाया गया है

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