बिलासपुर एयरपोर्ट पर जनहित मामले में हुई सुनवाई, जानें पूरी खबर
(कमल दुबे) : बिलासपुर एयरपोर्ट पर जनहित याचिका के मामले पर उच्च न्यायालय में आज हुई सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तनखा एवं रवींद्र श्रीवास्तव भी उपस्थित हुए और बताई संपूर्ण विकसित बिलासपुर एयरपोर्ट की ज़रूरत “
उच्च न्यायालय में कल गुरुवार को माननीय न्यायाधीश श्री गौतम भादुड़ी एवं न्यायाधीश श्री दीपक तिवारी की खंडपीठ में बिलासपुर में सर्वसुविधायुक्त एयरपोर्ट की जरूरत के मामले पर सुनवाई हुई जिसमें सरकार की ओर से कहा गया कि बिलासादाई केंवट एयरपोर्ट, चकरभाठा के कार्य प्रगति पर हैं ।
विदित हो कि पिछली सुनवाई पर यह बताया गया था कि टर्मिनल भवन के विस्तार के लिए फ्लोरिंग, सीलिंग, नए बाथरूम, टिकट काउंटर, मेडिकल कक्ष और एप्रोच रोड के कार्य ९५% पूरे हो चुके हैं और वर्तमान में संचालित टर्मिनल भवन की कुछ दीवारों और ग्लास पार्टिशन को पूर्ण करने का काम चल रहा है। सरकार की ओर से कहा गया कि इससे संबंधित सारे सिविल कार्य 31 अगस्त तक पूर्ण हो जायेंगे।
पिछली सुनवाई पर 3 C – VFR से 3 C – IFR श्रेणी के उन्नयन के लिए ९५% कार्य हो चुका है लेकिन नाईट लैंडिंग के कार्य के विस्तार के लिए पक्की बाउंड्री वॉल बनाने की कार्य भी प्रगति पर है । इससे संबंधित सिविल कार्य पूर्ण हो चुके है इलेक्ट्रिकल कार्य प्रगति पर है ।
वहीं दस मीटर चौड़ी एयरपोर्ट लिंक रोड के बारे में जानकारी दी गई, बताया गया कि इस रास्ते में पड़ने वाले बाधाओं को दूर किया जा रहा है एवं कार्य प्रगति पर है और इस लिंक रोड का काम 31 अक्टूबर 23 तक पूरा हो जायेगा।
भारत सरकार के वकील यह बताने में असमर्थ थे की राज्य सरकार के द्वारा ज़मीन हस्तांतरण बदले ९३ करोड़ भारत सरकार को स्थानातंरण कर दिये जाने के बावजूद उसके पश्चात अब तक ज़मीन हस्तांतरण की कार्यवाही क्यों नहीं हो पाई है ? इस पर वरिष्ठ अधिवक्ताओं विवेक तनखा एवं रवींद्र श्रीवास्तव ने सुझाव दिया की इस पर राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समिति स्थापित कर दी जाये जिस पर न्यायालय ने रक्षा मंत्रालय , केंद्रीय विमानन मंत्रालय के उपसचिव , एयरपोर्ट अथॉरिटी , राज्य विमानन विभाग , मुख्य सचिव की उच्च स्तरीय समिति निर्मित कर दी है जो अपनी रिपोर्ट आगामी सुनवाई पर ज़मीन स्थानातंरण से संबंधित पेश करेगी।
उच्च न्यायालय ने कार्य की धीमी प्रगति पर तेज़ी लाने को कहा है और सभी संबंधित राज्य एवं केंद्र सरकार अधिकारियों को उचित कारण बताते हुए चार सप्ताह में अपना स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
उधर एलायंस एयर एवं एयरपोर्ट अथॉरिटी को बिलासपुर -भोपाल -इंदौर -बिलासपुर की वायु सेवा अकारण बंद करने के लिए पुनः एफिडेविट पेश करने को कहा है ।
महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव ने बताया की बिलासपुर एयरपोर्ट को अकारण एवं द्वेष भावना से Udaan 05 की स्कीम से विकसित एयरपोर्ट मानते हुए बाहर रखा गया है जो की ग़लत निर्णय है , बिलासपुर से नईदिल्ली एवं दूसरे मेट्रो शहरों के लिए भी सीधी उड़ान सेवा प्रारंभ होनी चाहिए।
मामले की अगली सुनवाई ११ अक्टूबर २०२३ को होगी जिसमें उच्च न्यायालय ने सभी विभागों को अपने कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया हैं।
आज की सुनवाई में याचिकाकर्ता के तरफ़ से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री विवेक तनखा , श्री रविंद्र श्रीवास्तव , श्री आशीष श्रीवास्तव ने बहस किया एवं राज्य सरकार की तरफ़ से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा , केंद्र सरकार की तरफ़ से उप सॉलिसिटर जनरल रमाकान्त मिश्रा उपस्थित हुए ।