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कांग्रेस की बड़ी जाट नेता ज्योति मिर्धा भाजपा में शामिल, राजस्थान में 23 से 24 तक असर

(शशि कोन्हेर) : राजस्थान में चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। दिग्गज जाट नेता नाथूराम मिर्धा की पोती और पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा भाजपा में शामिल हो गईं हैं। नागौर से कांग्रेस की सांसद रह चुकीं ज्योति को सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सीपी जोशी ने दिल्ली में सदस्यता दिलाई।

ज्योति के साथ ही पूर्व आईपीएस अधिकारी और कांग्रेस नेता सवाई सिंह चौधरी भी भाजपा में शामिल हुए। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इसे बड़ा सियासी घटनाक्रम माना जा रहा है।

जोधपुर से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नागौर में जाट समुदाय की बड़ी आबादी है। आजादी के बाद से ही नागौर सीट पर मिर्धा परिवार की पकड़ रही है। नागौर नाथूराम और राम निवास मिर्धा की कर्मस्थली रही जो किसी समय जाटों के सबसे बड़े नेता थे। ज्योति 2009 में नागौर से सांसद चुनीं गईं। हालांकि, 2014 और 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

माना जा रहा है कि ज्योति मिर्धा अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं। ज्योति मिर्धा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सांसद हनुमान बेनीबाल की प्रतिद्वंद्वी रही हैं। बेनीवाल पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़े थे और ज्योति को पराजित किया था।

ज्योति ऐसे समय में भाजपा में शामिल हुईं हैं जब बेनीवाल के रिश्ते एनडीए से ठीक नहीं चल रहे हैं। बेनीवाल आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर चुके हैं। 

जाट समुदाय के वोटर्स में मिर्धा परिवार का बहुत सम्मान है। मिर्धा के शामिल होने से बीजेपी का जाट समीकरण मजबूत हो सकता है। पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव में भाजपा फायदा हो सकता है।

राजस्थान के कुल मतदाताओं में 9 फीसदी जाट हैं। नागौर की बात करें तो यहां सबसे अधिक 5.25 लाख वोटर्स जाट समुदाय से हैं। मुस्लिम और एससी वोटर्स की आबादी करीब 3 लाख है, जबकि 1.5 लाख राजपूत और 1.5 लाख ब्राह्मण हैं।

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