मैं राज्यसभा में होता तो जीभ खींच लेता…. ठाकुरों को कहां-कहां से मारोगे….? मनोज झा पर भड़के आनंद मोहन
(शशि कोन्हेर) : आरजेडी सांसद मनोज झा की राज्यसभा में ठाकुर वाली कविता पढ़ने पर लालू प्रसाद यादव की पार्टी के अंदर घमासान मच गया है। राजपूत समाज के नेता एवं पूर्व सांसद आनंद मोहन अब मनोज झा पर भड़क गए हैं। उन्होंने मनोज झा के ठाकुरों पर की गई टिप्पणी पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि अगर मैं राज्यसभा में होता तो जीभ खींच लेता और आसन की तरफ उछाल देता। ठाकुर हर जगह है, उन्हें कहां-कहां से मारोगे? इससे पहले आनंद मोहन के बेटे एवं आरजेडी विधायक चेतन ने भी उनपर निशाना साधा।
आरजेडी सांसद मनोज झा द्वारा महिला आरक्षण बिल पर बहस के दौरान राज्यसभा में दिए गए भाषण पर सियासी बवाल मचा हुआ है। पहले आरजेडी विधायक चेतन आनंद ने अपनी पार्टी के सांसद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। अब उनके पिता एवं बाहुबली नेता आनंद मोहन भी झा पर जमकर बरसे हैं।
आनंद मोहन ने एक इंटरव्यू में कहा कि यह अपमान नहीं सहेंगे। हम जिंदा कौम के लोग हैं। संसद में बात महिलाओं पर हो रही थी, तो ठाकुरों को लेकर टिप्पणी क्यों की गई। कहीं पर निगाहें-कहीं पर निशाना। पूर्व सांसद ने मनोज झा से कहा कि अगर वे समाजवादी हैं तो पहले अपना सरनेम छोड़े। वो ठाकुर को मारने की बात कह रहे हैं, हम कहते हैं कि पहले वे अपने अंदर के ब्राह्मण को मारकर आइए।
आनंद मोहन ने आगे कहा कि ठाकुरों को कहां-कहां से मारोगे। रामायण में ठाकुर, महाभारत में ठाकुर, गीता में ठाकुर, जितने कथावाचक हैं जो लाखों-करोड़ रुपये लेते हैं, वो इसी ठाकुर को जप के पेट पालते हैं।
इससे पहले आनंद मोहन के विधायक बेटे चेतन आनंद ने मनोज झा की ठाकुरों पर कविता पढ़ने को समाजवाद का दोगलापन करार दिया था। उन्होंने कहा था कि वे तेजस्वी एवं लालू यादव तक अपनी बात पहुंचाएंगे। अपनी जाति का अपमान वे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
दूसरी ओर, बीजेपी भी इस विवाद में कूद गई है। बीजेपी के राजपूत समाज से आने वाले नेता नीरज बबलू ने भी आरजेडी सांसद मनोज झा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि मनोज झा अगर उनके सामने ऐसा बयान देते तो वे पटककर उनका मुंह तोड़ देते।
क्या कहा था मनोज झा ने?
दरअसल, राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान झा ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की ठाकुर वाली कविता पढ़ी। अपने भाषण में मनोज झा ने कहा कि उनका इशारा किसी जाति विशेष के लिए नहीं है। हालांकि अब उनकी कविता पर विवाद हो गया है।