देवगौड़ा बोले- टच में थे नीतीश लेकिन पटना नहीं बुलाया, कांग्रेसी दबाव में JDS को गठबंधन से बाहर रखा
(शशि कोन्हेर) : जनता दल (सेक्यूलर) जेडीएस चीफ एचडी देवगौड़ा ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होने कहा कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार उनकी पार्टी के साथ विलय चाहते थे। और अक्टूबर-नवंबर 2022 तक वो मेरे संपर्क में थे। हमारी योजना जनता फेडरल फ्रंट बनाने की थी। और मैंने तो यहां तर कहा था कि मैं नीतीश कुमार का पीएम कैंडिडेट के तौर पर समर्थन भी करूंगा।
लेकिन मैंने सिर्फ कहा था कि अप्रैल-मई 2023 में कर्नाटक चुनाव को देखते अभी विलय के बारे में नहीं सोच सकता हूं। और आपका सहयोग करते रहेंगे। लेकिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद, कुछ कांग्रेस नेताओं के दबाव के कारण, मेरी पार्टी को उस गठबंधन से एकतरफा हटा दिया गया जो विपक्षी दल मिलकर बना रहे थे। इसी के चलते मुझे पटना की बैठक में नहीं बुलाया गया।
ये बातें जेडीएस चीफ देवगौड़ा ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कही। उन्होने एक सवाल के जवाब में कहा कि क्या आपको लगता है कि मुझे इस उम्र में यह अपमान सहना चाहिए? नीतीश अभी भी मेरे अच्छे दोस्त हैं। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए देवगौड़ा वे कहा कि कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए शुरू से ही इस देश में धर्मनिरपेक्ष गठबंधन को नष्ट कर दिया है। कर्नाटक में उन्होंने मेरी सरकार समेत धर्मनिरपेक्ष गठबंधन को कैसे अस्थिर कर दिया। वे प्रगतिशील होने का सिर्फ दिखावा करते हैं, लेकिन वो हैं नहीं।
कांग्रेस को घेरते हुए देवगौड़ा ने कहा कि अल्पसंख्यकों को लेकर कांग्रेस पार्टी का रिकॉर्ड क्या है? अगर अतीत को भूल जाएं तो हाल ही में कर्नाटक में हलाल और हिजाब विवाद पर अल्पसंख्यकों के साथ कौन खड़ा था? क्या कांग्रेस के नेताओं ने एक शब्द भी बोला? कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में क्या हो रहा है? मध्य प्रदेश में किसने कहा कि हम पहले से ही एक हिंदू राष्ट्र हैं? मैं बाबरी मस्जिद मामले पर वापस नहीं जाना चाहता और किसने क्या किया…
मैं एकमात्र नेता था जिसने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अच्छी बात थी। लेकिन क्या उन्होने कोआई जवाब दिया? वो बहुत बड़े नेता हैं, मैं तो छोटा आदमी हूं। अल्पसंख्यकों को जल्द ही मेरी पार्टी के वास्तविक मूल्य का एहसास होगा, और इसके लिए मुझे किसी का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।
आपको बता दें हाल में लोकसभा चुनाव 2024 से पहले देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंध का दामन थाम लिया है। और एनडीए को सहयोगियों के तौर पर एक और साथी मिल गया है। देवगौड़ा ने कहा कि एनडीए के साथ जाने का फैसला पार्टी के 19 विधायकों और 8 एमएलसी के साथ हुई लंबी चर्चा के बाद लिया गया है।