सभी अवैध प्रवासी देश छोड़ दें, नहीं तो…; आतंकी हमलों से दहले पाकिस्तान ने तय की डेडलाइन
(शशि कोन्हेर) : पाकिस्तान सरकार ने सभी अवैध अप्रवासियों को देश छोड़कर चले जाने को कहा है। यह आदेश 17 लाख से अधिक अफगान नागरिकों पर भी लागू होता है। मंगलवार को जारी इस ऑर्डर में कहा गया कि ऐसा नहीं करने पर उन्हें निष्कासन का सामना करना पड़ेगा। यह फैसला उस खुलासे के बाद लिया गया
जिसमें कहा गया कि इस साल देश में 24 आत्मघाती बम धमाके हुए। इनमें से 14 ऐसी घटनाएं अफगान नागरिकों की ओर से अंजाम दी गईं। हालांकि, यह साफ नहीं हुआ कि पाकिस्तानी अधिकारी अवैध अप्रवासियों का निर्वासन कैसे करेंगे या फिर उन्हें बाहर निकालने के लिए कैसे ढूंढा जाएगा।
इस्लामाबाद की यह घोषणा काबुल के साथ उसके संबंधों में एक नई गिरावट का संकेत है। दोनों देशों के बीच रिश्ता पिछले महीने दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच सीमा संघर्ष के बाद काफी खराब हुआ है। आंतरिक मामलों के मंत्री सरफराज बुगती ने कहा कि हमने इसे लेकर 1 नवंबर की डेडलाइन तय की है। उन्होंने कहा कि सभी अवैध प्रवासियों को इस तारीख तक अपनी मर्जी से हमारा देश छोड़ना होगा। ऐसा नहीं होने पर उनका जबरन निष्कासन किया जाएगा। बुगती ने कहा कि पाकिस्तान में लगभग 1.73 मिलियन अफगानी नागरिक ऐसे हैं जिनके पास रहने के लिए कोई कानूनी दस्तावेज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर 4.4 मिलियन अफगानी शरणार्थी पाकिस्तान में रह रहे हैं।
हम पर अफगानिस्तान के भीतर से हुआ हमला: आंतरिक मंत्री
आंतरिक मंत्री ने कहा, ‘इसमें कोई दो राय नहीं है कि हम पर अफगानिस्तान के भीतर से हमला हुआ है। इन हमलों में अफगान नागरिक शामिल रहे हैं। हमारे पास इसके सबूत भी हैं।’ बता दें कि 1979 में काबुल पर सोवियत संघ का आक्रमण हुआ था जिसके बाद से इस्लामाबाद में अफगान शरणार्थियों की संख्या लगातार बढ़ती गई। ताजा आतंकवादी हमलों के बाद कानून और व्यवस्था पर चर्चा के लिए नागरिक और सैन्य नेताओं ने प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख से मुलाकात की थी। इस्लामाबाद में हुई इस बैठक के बाद बुगती ने यह बयान दिया।
आखिर क्यों पाकिस्तान में बढ़ गए हैं आतंकी हमले?
बता दें कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) कट्टरपंथी सुन्नी इस्लामवादी आतंकवादियों का गुट है। इन स्थानीय तालिबानी आतंकवादियों ने पिछले साल के अंत में सरकार के साथ युद्धविराम रद्द कर दिया था। इसके बाद से देश में हिंसा में असामान्य वृद्धि हुई है। टीटीपी का मकसद पाकिस्तानी सरकार को उखाड़ फेंकना है। यह उसकी जगह इस्लामिक कानून के तहत सख्त शासन लागू करना चाहता है। बीते हफ्ते पाकिस्तान में धार्मिक समारोहों को निशाना बनाकर 2 आत्मघाती बम विस्फोट हुए थे जिनमें 57 लोग मारे गए। हालांकि, टीटीपी ने इसमें अपनी संलिप्तता से इनकार किया है।