रेलवे में मंत्री कोटा से नौकरी लगने युवक से ठगी, सरकंडा पुलिस ने किया धोखाधड़ी का मामला दर्ज
(आशीष मौर्य) : बिलासपुर – मंत्री कोटे से रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगार युवक से 6 लाख रुपए की ठगी हो गई। आरोपी ने खुद को रेलवे का टीसी बताया था। उसने अपनी भी नौकरी मंत्री कोटे से लगने की ही बात कही। फिलहाल ठगी के शिकार युवक की शिकायत पर पुलिस ने 2 आरोपियों पर केस दर्ज किया है। मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।
सकरी क्षेत्र के अमेरी निवासी हरिशंकर टंडन (35) ने पुलिस को बताया कि 5 साल पहले वह सरकंडा क्षेत्र के त्रिवेणी नगर में किराए के मकान में रहता था। इसी दौरान उसके दोस्त अखिलेश चौहान ने जरहाभाठा में रहने वाले आशीष दास से उसका परिचय कराया। आशीष दास ने बताया कि वो रेलवे में टीसी के पद पर काम करता है। उसकी पहचान कोलकाता में रेलवे अधिकारियों से है, जो मंत्री कोटे से नौकरी लगवाते हैं।
बातचीत के दौरान आशीष दास ने बताया कि उसकी भी नौकरी मंत्री कोटे से लगी है। इसके एवज में उसने पैसे खर्च करने की बात कही है। हरिशंकर उसकी बातों में आ गया और रेलवे में नौकरी लगने की उम्मीद से आरोपी को पैसे देने मंजूर किए। आरोपी ने उससे 7 लाख 50 हजार रुपए देने को कहा। उसने मेडिकल और अन्य प्रक्रिया के दौरान किश्तों में पैसे देने के लिए हरिशंकर को राजी कर लिया। इस दौरान हरिशंकर ने उसे अलग-अलग किश्तों में 6 लाख 20 हजार रुपए दिए।
हरिशंकर के पैसे देने के बाद आशीष दास ने उसे फर्जी नियुक्ति आदेश यानी जॉइनिंग लेटर थमा दिया। इसके बाद उसकी मेडिकल जांच कराने के बहाने उसे कोलकाता ले गया। यहां अस्पताल के बाहर उसका ब्लड सैंपल लेकर उसे वापस भेज दिया गया। फिर कोलकाता के दमदम कैंट गोबरडंगा स्टेशन ट्रेनिंग के लिए भेजा गया। यहां वह सिर्फ घूमता रहा। आरोपी ने कहा कि कोविड से प्रोसेसिंग अधिकारी प्रीतम सरकार की मौत हो गई है, इसलिए उसकी भर्ती प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी और उसे बिलासपुर भेज दिया।
पीड़ित युवक हरिशंकर ने आशीष दास और अखिलेश को 6 लाख 20 हजार रुपए दिए, जिसके बाद भी उसकी नौकरी नहीं लगी और वह भटकता रहा। परेशान होकर उसने पैसे वापस मांगे, तब आरोपियों ने पहले उसे गुमराह किया, फिर पैसे देने से मना कर दिया। आखिरकार तंग आकर उसने पुलिस से शिकायत की, जिस पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है।