70 घंटे काम के प्रस्ताव पर विचार? संसद में सरकार से सवाल……
क्या सरकार हफ्ते में 70 घंटे काम के प्रस्ताव पर विचार कर रही है? यह सवाल कुछ सांसदों ने आज संसद में उठाया। सोमवार से शुरू हुए संसद सत्र के दौरान तीन लोकसभा सांसदों ने इस बारे में प्रश्न किया।
इन सांसदों ने पूछा कि क्या सरकार नारायण मूर्ति के आइडिया का मूल्यांकन कर रही है? कांग्रेस सांसद कोमती वेंकट रेड्डी, बीआरएस के मन्ने श्रीनिवास रेड्डी और वाईएसआर कनुमारु रघु रामा कृष्णा राजू ने गैरतारांकित प्रश्न के तहत श्रम और रोजगार मंत्रालय से यह सवाल पूछा।
इन सांसदों ने पूछा कि क्या श्रम एवं रोजगार मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या सरकार देश को प्रतिस्पर्धी बनाने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए इंफोसिस के सह-संस्थापक द्वारा किए गए 70 घंटे के काम के प्रस्ताव का मूल्यांकन कर रही है?
उन्होंने आगे पूछा कि अगर ऐसा किया जा रहा है इस संबंध में ब्यौरा क्या है? साथ ही यह भी पूछा कि अंतर्राष्ट्रीय और बुनियादी सिद्धांतों में निर्धारित विदेशों में काम के घंटों की तुलना में इस संबंध में सरकार का क्या रुख है?
गौरतलब है कि इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति द्वारा युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने की सलाह देने के बाद समाज के कई वर्गों में बड़े पैमाने पर बहस छिड़ गई थी।
कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी मोहनदास पई के साथ बातचीत में उन्होंने कहा था कि अगर भारत जापान और चीन जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहता है तो उसे काम की उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है, जो बहुत कम है। उन्होंने कहा था कि हमारे युवाओं को हफ्ते में कम से कम 70 घंटे काम करने की जरूरत है।