कोरोना के बढ़ते मामलों पर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की राज्यों को सलाह….
देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक की। उन्होंने राज्य से अपील की कि राजनीति को साइड में रखते हुए हमें मिलकर काम करना होगा, साथ ही सतर्क रहने की जरूरत है। अस्पतालों की तैयारियों के लिए मॉक ड्रिल, निगरानी और अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच बहुत जरूरी है। बता दें कि कोरोना के नए वेरिएंट ने केरल के बाद महाराष्ट्र और गोवा में भी दस्तक दे दी है। इन दोनों राज्यों में इस नए वेरिएंट JN.1 के 19 केस सामने आए हैं। इसके अलावा नौ दिनों में कोरोना केसों में जबरदस्त उछाल आया है। केस दोगुना हो गए हैं।
भारत में कोरोना केस एक बार फिर चिंता पैदा करने लगे हैं। 11 दिसंबर को कोरोना के 938 मामले सामने आए थे। कोरोना मामले 19 दिसंबर को बढ़कर 1937 तक पहुंच गए। 9 दिनों में कोरोना के मामले दोगुना हो गए हैं। उधर, केरल के बाद अब महाराष्ट्र और गोवा में भी कोरोना के नए वेरिएंट जेएन.1 की पुष्टि हुई है। गोवा में 18 मामले हाल ही में संपन्न हुए फिल्म महोत्सव के दौरान शामिल होने वाले लोगों के हैं। जबकि महाराष्ट्र में एक मामला गोवा सीमा से मिला है। अब तीन राज्यों में नए वेरिएंट की दस्तक से केंद्र ने सभी राज्यों को अलर्ट पर रहने को कहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में कहा कि यह सभी राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि हम कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक बार साथ आएं और मिलकर काम करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि हेल्थ पॉलिटिक्स नहीं है, इसलिए इसे दूर रखना ही समझदारी होगा। हम सभी को अलर्ट पर रहने की जरूरत है। लेकिन घबराकर नहीं साहसिक ढंग से कोरोना के खिलाफ जंग लड़नी है। उन्होंने कहा कि अस्पताल की तैयारियों के लिए मॉक ड्रिल, बढ़ती निगरानी और अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि, “आइए हम हर तीन महीने में एक बार सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल करें। मैं राज्यों को केंद्र की ओर से हरसंभव समर्थन का आश्वासन देता हूं।”
कोविड-19 मामलों में हालिया उछाल और केरल के बाद महाराष्ट्र और गोवा में भी जेएन.1 संक्रमण की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की है। जिसमें कहा है कि अस्पतालों की लगातार निगरानी बहुत जरूरी है। साथ ही टेस्टिंग पर भी जोर दिया। एडवाइजरी में कहा गया है, “आगामी त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकारों को हवा को प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। क्योंकि श्वसन बीमारी से पीड़ित लोगों में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा काफी ज्यादा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय राज्यों को कोरोना को रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग की सलाह दी है। साथ ही संक्रमण की रिपोर्ट हर दिन भेजने के भी निर्देश दिए ताकि नए वेरिएंट के प्रभाव का सही आकलन किया जा सके।