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हमले के बाद फिर एक्शन में ED, कई TMC नेताओं के घरों पर छापेमारी..

(शशि कोंन्हेर) : पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में पांच जनवरी को हुए हमले के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक बार फिर से एक्शन में है। कोर्ट से सुरक्षा मिलने के बाद ईडी की एक टीम शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के अग्निशमन सेवा मंत्री सुजीत बोस के घर पहुंची। नगर निकायों में भर्ती घोटाले के सिलसिले में कोलकाता और उसके बाहरी इलाकों में कई जगहों पर ईडी की छापेमारी चल रही है।

राज्य के अग्निशमन सेवा मंत्री सुजीत बोस, टीएमसी प्रवक्ता और विधायक तापस रॉय और उत्तरी दम दम नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष सुबोध चक्रवर्ती सहित वरिष्ठ टीएमसी नेताओं के घर की तलाशी ली जा रही है। ईडी भारी सुरक्षा बल के साथ मंत्री के घर पहुंची है।

शुक्रवार तड़के सुबह केंद्रीय एजेंसी की अलग-अलग टीमें कोलकाता और उत्तरी 24 परगना में निकलीं और सुबह करीब 6:30 बजे एक साथ छापेमारी शुरू की। मध्य कोलकाता में बीबी गांगुली स्ट्रीट पर रॉय के घर, एनएससीबीआई हवाई अड्डे के पास शहर के उत्तरी इलाके में लेक टाउन में बोस के दो घरों और उत्तर 24 परगना जिले के बिराती में चक्रवर्ती के घर पर छापेमारी चल रही थी।

बता दें कि इससे पहले पांच जनवरी को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में ईडी की टीम पर हुए हमले में उसके तीन अधिकारी घायल हो गए और उनका सामान छीन लिया गया। हमला उस वक्त हुआ जब वे राज्य की राशन वितरण प्रणाली में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में छापेमारी के लिए टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर गए थे।

ईडी के एक अधिकारी ने कहा, “कोलकाता और इसके बाहरी इलाकों में कई जगहों पर छापेमारी चल रही है।” यह छापेमारी उत्तर 24 परगना के संदेशखाली और बोनगांव में एजेंसी की दो टीमों पर हमले के ठीक एक हफ्ते बाद हुई है।

अप्रैल 2023 में, कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय एजेंसी को कथित अनियमितताओं की जांच करने का आदेश दिया था। इसके बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राज्य भर की नगर पालिकाओं में कथित भर्ती मामले में एक एफआईआर (पहली सूचना रिपोर्ट) दर्ज की।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि नागरिक निकायों में भर्ती घोटाला 200 करोड़ रुपये का हो सकता है। बता दें कि ईडी स्कूल भर्ती में मनी लॉन्ड्रिंग का पता लगाने के लिए भी एक समानांतर जांच कर रही है।

उसको पिछले साल मार्च में नगर पालिकाओं में कथित भर्ती घोटाले के बारे में पता चला। ईडी ने पिछले साल अप्रैल में कलकत्ता उच्च न्यायालय को अपनी रिपोर्ट में कहा था, “अयान सिल जैसे आम एजेंटों और आम लाभार्थियों के कारण ये दोनों (घोटाले) आपस में जुड़ गए

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