आखिर मान गए CM हेमंत सोरेन, ED से पहली बार होगा सामना..
(शशि कोंन्हेर) : जमीन घोटाले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी के आठवें समन और पत्र का जवाब दे दिया है। सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी को पूछताछ के लिए 20 जनवरी को सीएम हाउस में ही बुलाया है। सोमवार की दोपहर मुख्यमंत्री सचिवालय का विशेष दूत सीएम का जवाबी गोपनीय पत्र लेकर ईडी के रांची जोनल ऑफिस पहुंचा। पत्र मिलने के बाद ईडी के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दिल्ली मुख्यालय को दे दी है।
सीएम को आठवां समन व पत्र 13 जनवरी को भेजा गया था। इस पत्र में ईडी ने दो दिनों में सीएम को जवाब देने को कहा था। साथ ही उनसे पत्र के जरिए कहा गया था कि वह 16 से 20 जनवरी के बीच का कोई वक्त मुकर्रर कर एजेंसी के समक्ष उपस्थित हों या एजेंसी उनके पास पूछताछ के लिए आएगी। सीएम को इस दौरान विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों को दिशा निर्देश देने का भी जिक्र पत्र में किया गया था।
सीएम को ईडी ने पहली बार 13 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन वे सात समन पर भी उपस्थित नहीं हुए थे। इसके बाद सीएम को सातवां समन भेज आखिरी मौका देने की बात ईडी ने लिखी थी। सातवें समन पर भी उपस्थित नहीं होने पर ईडी ने कानूनी प्रकिया का उल्लेख करते हुए फिर से समन व पत्र भेजा था। उल्लेखनीय है कि ईडी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा था। साथ ही बयान दर्ज कराने के लिए समय और जगह बताने का कहा था।
पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे विनोद
आर्किटेक्ट विनोद कुमार सिंह सोमवार को ईडी के समन पर उपस्थित नहीं हुए। उन्होंने ईडी को पत्र भेज कर अनुपस्थित रहने की वजह बताई है। उन्होंने ईडी को बताया है कि वे अपने पिता की कीमो ट्रीटमेंट कराने गए थे। इस कारण उपस्थित नहीं हो सके।
गौरतलब है कि अवैध खनन मामले की जांच के सिलसिले में तीन जनवरी को छापेमारी के बाद ईडी की ओर से इस बात का खुलासा किया गया है कि साहिबगंज में 1250 करोड़ रुपये का अवैध खनन हुआ है। इसके बाद विनोद समेत 9 लोगों के यहां छापेमारी हुई थी। विनोद सिंह के दफ्तर को सील कर दिया गया था।
सीएम के प्रेस सलाहकार पिंटू से आज होगी पूछताछ
अवैध खनन मामले में मंगलवार को सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू से ईडी की पूछताछ होनी है। ईडी ने पिंटू को 16 जनवरी की सुबह 11 बजे एजेंसी के रांची जोनल ऑ़फिस में उपस्थित होने को कहा है। अभिषेक प्रसाद की नियुक्ति कार्मिक विभाग से हुई है। कैबिनेट के फैसले से वे भी आच्छादित होते हैं। ऐसे में उनकी अनुपस्थिति मंगलवार को होती है, तो इस संबंध में ईडी से सरकार के स्तर पर पत्र प्रेषित किया जा सकता है। इस मामले में अबतक सिर्फ पूर्व विधायक पप्पू यादव का ही बयान दर्ज हो पाया है।