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बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को मिलेगा भारतरत्न, जन्म शताब्दी से पहले हुआ  ऐलान..

(शशि कोंन्हेर) : इस बार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया जाएगा। 24 जनवरी को उनकी जन्मशताब्दी की पूर्व संध्या पर यह बड़ा ऐलान किया गया है। बता दें कि कर्पूरी ठाकुर को पिछड़ों का मसीहा कहा जाता है। बुधवार को उनकी जन्मशताब्दी के मौके पर दिल्ली के विज्ञान भवन में कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।     

कौन थे कर्पूरी ठाकुर
बिहार के समस्तीपुर में जन्मे कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। हालांकि वह कभी अपना कार्यकाल नहीं पूरा कर पाए। उन्हें पिछड़ें वर्गों के लिए आरक्षण का रास्ता साफ करने के लिए जाना जाता है। उन्होने मुंगेरी लाल आयोग की सिफारिशों को लागू करवाया था। इसके लिए उनको अपनी सरकार की भी कुर्बानी देनी पड़ गई। इसके अलावा उन्होंने बिहार की शिक्षा व्यवस्था में भी कई अमूलचूक परिवर्तन किए थे। उपमुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा में अंग्रेजी पास करने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था।

कर्पूरी ठाकर दो बार बिहार के सीएम और एक बार डिप्टी सीएम भी रहे। वह बिहार के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे जो कि कांग्रेस से नहीं थे। 1952 में पहली बार उन्होंने विधानसभा का चुनाव जीता था। वह जयप्रकाश नारायण को आदर्श मानते थे। 1970 में सरकार में मंत्री बनने के बाद उन्होने आठवीं तक की शिक्षा मुफ्त करने का ऐलान कर दिया था। उन्होंने उर्दू को दूसरी राजभाषा का दर्जा दिया।

बिहार में पहली बार की थी शराबबंदी
कर्पूरी ठाकुर को बिहार में पहली बार शराबबंदी करने के लिए भी जाना जाता है। वहीं उनकी पहचान उनकी सादगी के लिए भी है। बताया जाता है कि वह अपने काम खुद करना पसंद करते थे। यहां तक कि दूसरों से हैंडपंप चलवाकर वह पानी तक नहीं पीते थे। वह अपने कपड़े भी खुद ही धुला करते थे।

कर्पूरी ठाकुर को लेकर राजनीति में होड़

कर्पूरी ठाकुर का निधन 17 फरवरी 1988 को हो गया था। लेकिन राजनीतिक गलियारों में उनके नाम पर आज भी होड़ लगी रहती है। उनको लेकर बीजेपी और जेडीयू में भी जंग जारी है। मिलर हाई स्कूल के मैदान में जन्मजयंती समारोह मनाने को लेकर जेडीयू और भाजपा आमने सामने हैं। वहीं जेडीयू पहले ही कर्पूरी ठाकुर की जन्म जयंती पर बड़ी रैली करने का ऐलान कर चुकी है।

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