बिलासपुर

बैम्बू पार्क बना नशेड़ियों व मवेशियों का अड्डा….वन विभाग मौन

(भूपेंद्र सिंह राठौर के साथ सतीश साहू) : बिलासपुर – हरियर योजना के तहत वन विभाग ने बिलासपुर के मोपका में बैबू म्यूजियम बनाया है। इस म्यूजियम में 18 प्रजाती के दो हजार पौधे रोपे गए हैं। इस म्यूजियम की देखरेख करने वाला यहां कोई नही है। अब तो पार्क के अंदर नशेड़ियों और मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता हैं। इसके बाद भी विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।

मोपका में जिले की यह पहली बांस रोपणी है जिसे म्यूजियम का नाम दिया गया है। इसके पीछे तर्क है कि जिस तरह म्यूजियम में कुछ अलग तरह की चीजें नजर आती हैं और लोग उसे जानना चाहते हैं। इसी तरह बांस को लेकर भी यह जरूरी था। दरअसल बांस को हरा सोना भी कहा जाता है।लेकिन हरे सोने का यह पार्क अब अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। पार्क को चारो ओर तार से घेरा गया था। लेकिन अब यहां से तार गायब होने लगा है।असमाजिक तत्वों के द्वारा खंभों तक को तोड़ दिया गया है। जिसके चलते इस पार्क के अंदर मवेशी आसानी से घुस जाते हैं।यहां की हरियाली को नष्ट किया जा रहा है।

यही नहीं अब यह पार्क नशेड़ियों ओर असमाजिक तत्वों का अड्डा बनते जा रहा है। जगह जगह शराब की बोतल,पानी पाउच,डिस्पोजल का ढेर दिखाई देता है।रात के अंधेरे में यहां कई आपराधिक गतिविधियों को भी अंजाम दिया जाने लगा है। लेकिन वन विभाग के जिम्मेदार अफसरों को इसे सहेज कर रखने की तक फुर्सत नहीं है। महत्वपूर्ण म्यूजियम अनदेखी का शिकार हो गई है। यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में यहां के बांस सुरक्षित भी रह पाएंगे इस पर संदेह है।

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