छत्तीसगढ़

पटाखा दुकानों और गोदामों की होगी जांच,जिला दण्डाधिकारी ने जारी किया आदेश..

बिलासपुर : जिले की तमाम पटाखा दुकानों और गोदामों की जांच होगी। एसडीएम के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम द्वारा इनकी जांच कर तीन दिवस के भीतर प्रतिवेदन करना होगा। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने इस आशय का आदेश आज किया है।

यह टीम विस्फोटक द्वारा किसी प्रकार की अग्नि दुर्घटना एवं जान-माल की हानि को रोकने के लिए जिले में संचालित पटाखा विनिर्माण, स्थायी पटाखा दुकान, गोदाम स्थल में आतिशबाजी, बारूद के भंडारण एवं विक्रय पर निगरानी रखेगी। टीम को आपसी समन्वय से जांच के लिए निर्धारित स्थायी पटाखा दुकान और स्थल की संपूर्ण जांच करनी होगी।

जारी आदेश में आतिशबाजी दुकान और गोदाम के लिए जांच के बिन्दु निर्धारित किए गए हैं। आतिशबाजी को केवल ऐसे स्थानों पर भण्डारित किया गया है कि नहीं जो अनुज्ञप्तिधारी के अनुज्ञप्ति से संबंध रेखांक में दर्शित है। आतिशबाजी की दुकान, गोदाम, भवन, आवासीय अथवा रिहायशी क्षेत्र में होने से किसी प्रकार का खतरा होने का आंकलन। आपातकालीन स्थिति में आतिशबाजी दुकान गोदाम भवन में फायर बिग्रेड के सुलभ आवागमन की स्थिति।

आतिशबाजी की दुकान, गोदाम अथवा भवन के अंदर सीमा से अधिक मात्रा में पटाखों का भण्डारण तो नहीं है। इसके अलावा अग्नि दुर्घटना से बचाव के लिए पर्याप्त उपाय। दुकान, गोदाम, भवन के अंदर अन्य आतिशबाजी के साथ माचिश, पेपर कप्स या ऐसी अन्य सामग्री जिसमें क्लोरेट मिश्रण का भण्डारण नहीं होना चाहिए। दुकान के अंदर आतिशबाजी को उसके मूल पैकिंग को खोलकर लूज अवस्था में नहीं रखा जाना चाहिए।

दुकान, गोदाम के अंदर एवं बाहर किसी भी प्रकार की ज्वलनशील सामग्री जैसे आतिशबाजी की खुली पेटी, डिब्बे, पाॅलिथीन आदि का जमाव एवं भण्डारण नहीं होना चाहिए। दुकान, गोदाम के अंदर बल्ब, ट्यूबलाईट आदि को दीवार पर ठीक प्रकार से फिक्स करवाएं। बल्ब आदि को दुकान के अंदर लटकाकर नहीं रखे होने चाहिए। दुकान के भीतर खुली बिजली के तार आदि नहीं लगे होने चाहिए या भी जांच किया जाएगा कि एमसीबी लगा है अथवा नहीं।


 जारी आदेश में जांच के बिंदुओं में यह भी निर्धारित दुकान, गोदाम, भवन में लगे शटर को खोलने के पश्चात उसमें स्टाॅकर अवश्य लगे होने चाहिए। दुकान में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या, कर्मचारियों को आतिशबाजी को उठाने एवं पैक करने के समय लिए जाने वाले आवश्यक सुरक्षा उपायों से पूर्णतः अवगत होना चाहिए। लाइसेंसधारी और उसके कर्मचारी आपातकाल के दौरान परिसर के भीतर ली जाने वाली प्रक्रिया से अवगत हो। किसी प्रकार की अग्नि दुर्घटना होने की स्थिति में अग्निशमन यंत्रों का कैसे प्रयोग करना है, इससे प्रशिक्षित हो।

विस्फोटक नियम 2008 में जारी अनुज्ञप्ति की शर्ताें एवं अन्य विस्फोटक नियमों का पालन किया जा रहा है अथवा नहीं। क्रय-विक्रय का लेखा जोखा अनुज्ञप्ति की शर्त 11 के अनुसार रखा गया है अथवा नहीं। जांच के दौरान यह भी देखा जाएगा कि विनिर्माण अनुज्ञप्त परिसर पर किसी एक समय में रखी जाने वाली बारूद की अधिकतम मात्रा 15 किलोग्राम से अधिक न हो। इसके अलावा अन्य कोई बिंदु हो तो उसकी भी जांच की जाएगी।

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