छत्तीसगढ़

आम लोगों को लग सकता है बिजली का झटका, क्या बढ़ेंगी बिजली की दरें..

रायपुर :  छत्‍तीसगढ़ में बिजली की नई दर तय करने के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग 11 और कल 12 मार्च को जनसुनवाई करेगा। सरकारी बिजली कंपनियों की तरफ से वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए मिले टैरिफ प्रस्ताव पर आयोग यह सुनवाई करने जा रहा। वितरण कंपनी ने करीब 4,420 करोड़ रुपये की अतिरिक्त जरूरत का प्रस्ताव आयोग को सौंपा है।

अगर इसे स्वीकार किया जाता है तो बिजली की दरें लोकसभा चुनाव के बाद बढ़ने की पूरी संभावना है। तय कार्यक्रम के अनुसार 11 मार्च को दोपहर 12 बजे से 1:30 बजे तक का समय कृषि और उससे संबंधित कार्यों के उपभोक्ताओं के लिए आरक्षित रखा गया है। दोपहर ढाई बजे से शाम चार बजे तक घरेलू और शाम चार से 5.30 बजे तक का समय गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए तय किया गया है।

जनसुनवाई के बाद बिजली की नई दरें तय करेगा आयोग
वहीं, 12 मार्च को आयोग सबसे पहले स्थानीय निकायों, नगर निगम, ट्रेड यूनियन व अन्य को सुनेगा, जबकि दोपहर 2:30 बजे से शाम चार बजे तक निम्न दाब उपभोक्ताओं और शाम चार से पांच बजे तक सभी उच्च दाब उपभोक्ताओं की सुनवाई होगी। इस सुनवाई के बाद आयोग बिजली की नई दरें तय करेगा।

जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी बिजली की मौजूदा दर लागू रहती है तो बिजली वितरण कंपनी को करीब 3,626 करोड़ का फायदा होगा। इसके बावजूद विद्युत नियामक आयोग को भेजे प्रस्ताव में कंपनी ने 4,420 करोड़ रुपये की और जरूरत बताई है। बिजली कंपनी से मिले प्रस्तावों की पूरी जांच-पड़ताल और आम लोगों की राय लेने के बाद ही आयोग नई दर तय करेगा।

प्रदेश की तीनों सरकारी बिजली कंपनियों जनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रिब्यूशन के साथ ही लोड डिस्पेज सेंटर ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए टैरिफ पिटिशन राज्य विद्युत नियामक आयोग को सौंप दिया है। आयोग ने इसका प्रकाशन करने के साथ ही उपभोक्ताओं से दावा-आपत्ति आमंत्रित किया है।

बिजली वितरण कंपनी ने अपने प्रस्ताव में बताया है कि बिजली की मौजूदा दरों के हिसाब से उसे वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3,626 करोड़ की बचत होगी। ऐसी स्थिति में बिजली की दर घटाई जा सकती है, लेकिन बिजली कंपनी की ओर से यह भी बताया गया है कि पूर्व के वर्षों में उसे आठ हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

इसमें 3,626 करोड़ घटाने के बाद भी कंपनी को 4,420 करोड़ रुपये की और जरूरत पड़ेगी। यह स्थिति पिछले कई साल से बनी हुई है। बिजली वितरण कंपनी हर बार अपने प्रस्ताव में फायदा बताती है, लेकिन पिछले नुकसान की पूर्ति के लिए बिजली दरें बढ़ाने का आग्रह भी करती है।

बिजली कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक घरेलू बिजली दर को यथावत रखने, अन्य श्रेणियों में बढ़ोत्तरी या मिलने वाली छूट में कटौती का प्रस्ताव आयोग को दिया गया है। प्रस्ताव में स्टील उद्योग श्रेणी के अंतगर्त उपभोक्ता को मासिक लोड फैक्टर 49.99 प्रतिशत या उससे अधिक होने पर उर्जा प्रभार पर एक से 25 प्रतिशत तक छूट के प्रविधान को समाप्त कर मासिक लोड फैक्टर 65 प्रतिशत और उससे अधिक होने पर उर्जा प्रभार पर पांच प्रतिशत छूट देने को कहा गया है।

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