छत्तीसगढ़

क्या है मिशन दिव्यास्त्र जिस पर पीएम मोदी ने डीआरडीओ वैज्ञानिकों को दी बधाई..

भारत ने आज मिशन दिव्यास्त्र का परीक्षण किया। यह एमआईआरवी तकनीक के साथ स्वदेशी ढंग से डेवलप अग्नि -5 मिसाइल है। इस टेस्ट के सफल होने पर पीएम मोदी ने भी डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। एमआईआरवी टेक्नोलॉजी अपने आप में कई तरह से खास है।

इसके जरिए किसी मिसाइल में एक ही बार में परमाणु हथियार ले जाया जा सकता है। बता दें कि इसकी प्रोजेक्ट डायरेक्ट एक महिला है। इसके अलावा इसमें महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है।


एमआरवी यानी मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल। मिशन दिव्यास्त्र की खासियतों की बात करें तो इसके जरिए अलग-अलग लक्ष्यों को भेदा जा सकता है। इसके अलावा इसे सड़क के रास्ते कहीं भी ले जाया जा सकता है। अभी तक की अग्नि मिसाइलों में इस तरह की सुविधा नहीं थी।

इसमें बहुत हाई क्वॉलिटी के सेंसर पैकेज लगे हुए हैं। मिशन दिव्यास्त्र के सफल परीक्षण के बाद भारत उन एलीट देशों की लिस्ट में शामिल हो गया, जो एमआईआरवी की क्षमता से लैस हैं।


इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहाकि एमआईआरवी प्रौद्योगिकी के साथ स्वदेश विकसित अग्नि-5 मिसाइल का पहला सफल उड़ान परीक्षण संपन्न हुआ।

इसके लिए उन्होंने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों को बधाई दी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहाकि देश को इस असाधारण उपलब्धि के लिए वैज्ञानिकों पर गर्व है।

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