बड़ा हादसा, पुल का स्लैब टूटा, एक की मौत, इतने लोग घायल..
बिहार के सुपौल जिले में आज सुबह बड़ा पुल हादसा हो गया। कोसी नदी पर बन रहे बकौर पुल का बड़ा हिस्सा टूट कर नीचे गिर गया है। जिसमें एक मजदूर की मौत हो गई। और आठ लोग घायल हुए हैं। स्लैब के नीचे 40 से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है। आपको बता दें कि यह देश का सबसे बड़ा निर्माणाधीन पुल है।
सुपौल के डीएम कौशल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना सुबह साढ़े सात बजे की है। जिसमें 8 लोग घायल हुए हैं। और एक की मौत हुई है। मृतक को 10 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। और घायलों की भी मदद की जाएगी। और पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। एनडीआरएफ और स्थीनीय पुलिस की टीम लगी हुई है। हादसे की वजह जांच का विषय है।
हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि आज सुबह पिलर संख्या 153 और 154 के बीच मजदूर स्लैब चढ़ाने में जुटे थे। इसी दौरान स्लैब टूट कर गिर गया। स्थानीय लोगों की माने तो सेगमेंट टूटते ही भगदड़ मच गई। पुलों के नीचे जो लाइनर का काम कर रहे थे उनके दबे होने की संभावना बनी हुई है। सदर एसडीएम इंद्रवीर कुमार ने बताया कि भेजा की तरफ से क्रेन मंगवाई जा रही है। पता लग सकेगा कि कितने लोग स्लैब के नीचे दबे हुए हैं।
घटना के करीब 2 घंटे बाद प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस के पहुंचने से लोगों में नाराजगी है। फिलहाल घटनास्थल पर सदर एसडीएम के अलावा एसडीपीओ और भारी संख्या में पुलिस पहुंच चुकी है। उधर, पिपरा विधायक रामविलास कामत भी पहुंचे। जिला प्रशासन रेस्क्यू में जुट गया है। हादसे के बाद कंपनी के स्टाफ से लेकर अधिकारी तक मौके से फरार हो चुके हैं। इस पूरे मामले में सुपौल के एसपी ने बताया कि छह लोग घायल हुए हैं जिनको इलाज के लिए अस्पताल लाया गया है.
बताया जा रहा है कि सुपौल के बकोर में यह पुल बन रहा है। जानकारी के अनुसार इस पुल का का काम ट्रांस रेल कंपनी कर रही है। 412.23 करोड़ की लागत से कुल 10.5 किलोमीटर का पुल जबकि 2.5 किमी एप्रोच भी है। इसे भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा है। यह पुल सुपौल के बकोर से मधुबनी के भेजा तक बनना है।
घटना के बाद आसपास के जुटे लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। लोगों का कहना है कि पुल का जो निर्माण हो रहा है उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है। पुल निर्माण जो मजदूर लगे रहते हैं, उन्हें सेफ्टी के नाम पर कुछ नहीं दिया जाता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक पुल के गार्डर के नीचे 15 के आसपास मजदूर दबे हो सकते हैं। कई लोगों को निकालकर मोटरसाइकिल से ही सुपौल इलाज के लिए पहुंचाया गया। लोगों ने पुल निर्माण कंपनी पर भी गंभीर आरोप लगाया है। और कहा कि घटना के बाद कंपनी का कोई अधिकारी नहीं आया। यहां तक कि कोई छोटा स्टाफ भी नहीं आया है।
मौके पर मौजूद मुखिया सुरेंद्र यादव ने कहा कि हम लोग कंपनी को बार-बार शिकायत करते थे। उलटा हम लोगों को धमकी दी जाती थी कि जेल भिजवा देंगे। आप लोग रंगदारी मांगने के लिए आते हैं। सुरेंद्र यादव ने कहा कि मजदूरों की संख्या 15 से 20 भी हो सकती है। एसीएस प्रत्यय अमृत ने बताया कि एक मजदूर की मौत हुई है। 10 लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए कहा गया है। डीएम और एसपी को कहा गया है तत्काल इसे देखें। घायलों का इलाज चल रहा है।
घटनास्थल से मिल रही जानकारी के मुताबिक, तीन पिलर के गार्टर गिरने से ये बड़ा हादसा हुआ है। पिलर नंबर 150, 51 और 52 का गार्टर नीचे गिर गया। घटना में घायल हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाने का काम जारी है। स्थानीय लोग पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे है। उनकी मानें तो करीब 40 लोगों के दबे होने की आशंका है। घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची है। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जा चुका है