भारत के सैटेलाइट लॉन्च का अब अंतरिक्ष में नहीं रहेगा मलबा….ISRO को मिली एक और कामयाबी
इसरो ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। पीएसएलवी ने शून्य कक्षीय मलबा मिशन पूरा कर लिया है। अब भारत अंतरिक्ष में कोई भी सैटेलाइट लॉन्च करेगा तो उसका मलबा अंतरिक्ष में नहीं बिखरेगा। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। इसरो ने यह उपलब्धि ऐसे समय में हासिल की है जब अंतरिक्ष में सैटेलाइट का मलबा एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। इसरो ने कहा कि पीएसएलवी -सी58/एक्सपोसैट मिशन ने व्यावहारिक रूप से कक्षा में शून्य मलबा छोड़ा है।
इसरो के मुताबिक सैटेलाइट को उसकी कक्षा में पहुंचाने के बाद पीएसएलवी तीन हिस्सों में बंट जाता है। इसे ही पीओएम 3 का नाम दिया गया है। इसमें सबसे पहले पीएसएलवी को 650 किलोमीटक की ऊंचाई वाली कक्षा से 350 किलोमीटर वाली कक्षा में लाया गया। इससे पीएसएलवी अपनी कक्षा में जल्दी पहुंच गया। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे एक्सीडेंट का खतरा भी कम हो गया।
पीओईएम-3 पर जो पेलोड लगाए गए हैं उन्हें एक महीने के अंदर तैयार किया गया है। यह प्रायोगिक पेलोड हैं। इसरो ने इसमें निजी भागीदारी को भी शामिल किया है। बता दें कि हाल ही में इसरो ने रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल तकनीक को लेकर एक सफलता हासिल की थी। इसरो की रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल तकनीक (लॉन्च व्हीकल को दोबारा इस्तेमाल करने की तकनीक) का परीक्षण सफल रहा था।