देश

ग्राहकों से बैंक अब नहीं छिपा पाएंगे लोन की छिपी शर्तें..

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को कहा कि बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) को एक अक्टूबर से लोन लेने वाले सभी ग्राहकों को ब्याज और अन्य लागत समेत ऋण समझौते (KFS) के बारे में सभी जानकारी देनी होगी।

यह फैसला आरबीआई के दायरे में आने वाले वित्तीय संस्थानों के उत्पादों में पारदर्शिता बढ़ाने और सूचना की कमी को दूर करने के लिए लिया गया है। इससे लोन लेने वाले ग्राहक सोच-विचारकर वित्तीय निर्णय कर सकेंगे।

यह निर्देश आरबीआई के नियमन के दायरे में आने वाले सभी इकाइयों की तरफ से दिए जाने वाले खुदरा और एमएसएमई सावधि ऋण के मामलों में लागू होगा।

केएफएस सरल भाषा में ऋण समझौते के मुख्य तथ्यों का विवरण होता है। यह लोन के लिए आवेदन करते समय ग्राहक को दिया जाता है।

आरबीआई के अनुसार, एक अक्टूबर 2024 को या उसके बाद स्वीकृत सभी नए खुदरा और एमएसएमई सावधि ऋण के मामले में दिशा-निर्देश बिना किसी अपवाद के अक्षरश: पालन किया जाएगा। इसमें मौजूदा ग्राहकों को दिए गए नए कर्ज भी शामिल हैं।

आरबीआई ने कहा कि वास्तविक आधार पर तृतीय-पक्ष सेवा प्रदाताओं की ओर से केंद्रीय बैंक के दायरे में आने वाले संस्थानों द्वारा कर्ज लेने वाले संस्थानों से वसूले गए बीमा और कानूनी शुल्क जैसी राशि भी वार्षिक प्रतिशत दर (एपीआर) का हिस्सा होगी। इसके बारे में अलग से खुलासा किया जाना चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button