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दूरदर्शन का भगवाकरण हो गया, लोगो का रंग बदलने पर मच गया बवाल..

राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन ने अपने ऐतिहासिक लोगो का रंग लाल से बदलकर केसरिया कर दिया है। यह घोषणा डीडी न्यूज़ के आधिकारिक एक्स हैंडल के माध्यम से की गई थी। अब इसको लेकर विवाद छिड़ गया है। विपक्षी खेमा इसकी आलोचना कर रहा है। दूरदर्शन के अंग्रेजी समाचार चैनल डीडी न्यूज ने हाल ही में एक्स पर एक नया प्रमोशनल वीडियो साझा करते हुए अपने लोगो का खुलासा किया।

वीडियो के साथ डीडी न्यूज ने लिखा, “हमारे मूल्य वही हैं, हम अब एक नए अवतार में उपलब्ध हैं। एक ऐसी समाचार यात्रा के लिए तैयार हो जाइए जो पहले कभी नहीं देखी… बिल्कुल नए डीडी न्यूज का अनुभव लें।” हालांकि, विपक्ष इस बदलाव से नाराज दिख रहा है। इस कदम की राज्यसभा सदस्य और प्रसार भारती (डीडी, एआईआर) के पूर्व सीईओ, जवाहर सरकार ने आलोचना की है।

जवाहर सरकार ने कहा कि वह इस कदम से राष्ट्रीय प्रसारक का “भगवाकरण” होते देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन ने अपने ऐतिहासिक फ्लैगशिप लोगो को भगवा रंग में रंग दिया है। पूर्व सीईओ के रूप में इसके भगवाकरण को चिंता के साथ देख रहा हूं। यह भी महसूस कर रहा हूं कि यह अब प्रसार भारती नहीं बचा है, बल्कि यह प्रचार भारती है। बता दें कि जवाहर सरकार 2012 से 2014 के बीच प्रसार भारती के सीईओ थे।

हालांकि, प्रसार भारती के वर्तमान बॉस ने जवाहर सरकार की बात से असहमत जताई है। उन्होंने इस कदम को दृश्य सौंदर्यशास्त्र के अनुरूप आवश्यक बताया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि रंग नारंगी था।

गौरव द्विवेदी ने कहा कि चमकीले, आकर्षक रंग का इस्तेमाल चैनल की ब्रांडिंग और दृश्य सौंदर्य पर आधारित था। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ लोगो ही नहीं, चैनल ने नई लाइटिंग और उपकरणों सहित अपने लुक और फील को भी अपग्रेड किया है।

वहीं कांग्रेस के मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि लोगो का रंग बदलना सरकारी संस्थानों पर कब्जा करने का सरकार का प्रयास है। बता दें कि मनीष तिवारी खुद 2012 से 2014 तक सूचना एवं प्रसारण मंत्री थे। इंडिया टुडे टीवी के साथ एक बातचीत में, मनीष तिवारी ने कहा, “यह सरकार की ओर से भगवाकरण और सरकारी संस्थानों पर कब्जा करने का एक प्रयास है। उक्त कदम स्पष्ट रूप से भारत के सार्वजनिक प्रसारक की तटस्थता और विश्वसनीयता को कमजोर करता है।”

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