ITR में अगर इन बातों की नहीं दी जानकारी तो आएगा नोटिस, और लग सकता है भारी जुर्माना..
इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने को ऑनलाइन और ऑफलाइन सुविधा शुरू कर दी है। करदाताओं ने आईटीआर दाखिल करना भी शुरू कर दिया है। कर विशेषज्ञों का कहना है कि इसे भरते समय सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
गलती होने पर विभाग करदाता को नोटिस भेज सकता है। इतना ही कर छूट दावों या किसी भी तरह से लेन-देन में अनियमितता पाए जाने पर जुर्माना भी लगा सकता है, इसलिए आयकर रिटर्न भरते समय कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।
किसी बैंक या को-ऑपरेटिव बैंक में सालभर में 10 लाख या इससे अधिक रकम कैश जमा किया है तो उसकी विस्तृत जानकारी आईटीआर में देनी होगी। ऐसा नहीं करने पर करदाता आयकर विभाग की जांच के दायरे में आ जाएगा।
यदि टैक्पेयर ने एक वित्त वर्ष में 30 लाख रुपये या इससे अधिक की अचल संपत्ति कैश में खरीदी है तो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार इसकी जानकारी आयकर विभाग को देगा। करदाता ने आईटीआर में इसका खुलासा नहीं किया तो विभाग कैश लेनदेन के बारे में पूछताछ कर सकता है। करदाता को उन पैसों के स्त्रोत की भी जानकारी देनी होगी।
अगर टैक्पेयर क्रेडिट कार्ड के बिल के रूप में एक बार में एक लाख रुपये से अधिक कैश जमा करता है तो आयकर विभाग नोटिस जारी कर विवरण मांग सकता है। इसके अलावा एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक के क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान नगद में करने पर उसका स्त्रोत बताना होगा।
टैक्पेयर शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर और बॉन्ड में नकद निवेश करता है तो उसकी भी जानकारी आईटीआर में देनी होगी। नियम के अनुसार, एक वित्त वर्ष में इनमें 10 लाख रुपये से ज्यादा निवेश करने पर विभाग पूछताछ कर सकता है।
अगर किसी करदाता ने एक साल में अपनी एफडी में 10 लाख रुपये से ज्यादा नकद में जमा करता है तो इसे इसके स्रोत की जानकारी देनी होगी। इसलिए नोटिस से बचने के लिए ऑनलाइन तरीके से एफडी में निवेश कर सकते हैं। इससे विभाग के पास आपके लेनदेन का रिकॉर्ड रहता है.
आईटीआर भरकर ही कर रिफंड के लिए दावा कर सकते हैं।
2. कर की बचत के लिए कटौती और छूट का लाभ उठा सकते हैं।
विदेश जाने के लिए वीजा हासिल करने को आईटीआर चाहिए होती है।
4. अधिक बीमा कवर वाली पॉलिसी खरीदने के लिए इसकी जरूरत होती है।
5. कुछ सरकारी कल्याणकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ लिया जा सकता है
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