किसानों के लिए खुशखबरी, सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाया..
लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र में प्याज की खेती करने वाले किसानों को बड़ी और जरूरी राहत दी है। केंद्र ने बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, बहरीन, मॉरीशस और संयुक्त अरब अमीरात जैसे छह देशों के सिए एक लाख टन प्याज निर्यात करने की अनुमति दी है।
केंद्र ने मध्य पूर्व और कुछ यूरोपीय देशों के बाजारों के लिए विशेष रूप से उगाए गए 2000 टन सफेद प्याज के निर्यात की भी अनुमति दी है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन देशों को प्याज निर्यात करने वाली एजेंसी नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) ने ई-प्लेटफॉर्म के माध्यम से एल1 कीमतों पर घरेलू उपज प्राप्त की है।
एनसीईएल ने इन देशों की सरकारों के द्वारा द्वारा नामित एजेंसियों को 100 प्रतिशत अग्रिम भुगतान के आधार पर प्याज की आपूर्ति की है।
पिछले साल 8 दिसंबर को केंद्र ने 2023-24 में खरीफ और रबी फसलों की कम खेती और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए साथ ही घरेलू जरूरत को ध्यान में रखते हुए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने निर्यात की अनुमति देने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा, ”विपक्ष केंद्र के फैसले से नाखुश है। अब भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला करने के लिए मुद्दा खो चुका है। किसानों के मुद्दे कभी भी विपक्ष के लिए प्राथमिकता में नहीं थे”।
केंद्रीय मंत्री और डिंडोरी से भाजपा उम्मीदवार भारती पवार ने कहा कि सरकार की घोषणा से प्याज किसानों ने राहत की सांस ली है। निर्यात प्रतिबंध को लेकर डिंडोरी में प्याज किसानों द्वारा आलोचना झेलने वाले पवार ने कहा, “मेरा मानना है कि यह किसानों को राहत देने के लिए सरकार का एक नया कदम है।” आपको बता दें कि डिंडोरी में प्याज की खेती करने वाले किसानों की अच्छी खासी संख्या है।
नासिक में भाजपा नेताओं ने माना है कि केंद्र की घोषणा डिंडोरी लोकसभा सीट में पार्टी के लिए एक बड़ी राहत है। उन्होंने कहा, “इससे हमें प्याज के किसानों को लुभाने में मदद मिलेगी। प्रतिबंध लगाए जाने के बाद वे असंतुष्ट थे। अब हमें विश्वास है कि भाजपा के पक्ष में यहां माहौल बनेगा।”
प्याज निर्यातक विकास सिंह ने कहा, “नासिक से हर महीने लगभग 48,000 टन प्याज निर्यात किया जाता है। महाराष्ट्र में अहमदनगर जैसे अन्य जिले हैं जहां से कम मात्रा में निर्यात किया जाता है। मुझे उम्मीद नहीं है कि इतनी कम मात्रा में निर्यात की अनुमति दी जाएगी।”