NCERT की टेक्स्ट बुक अब हर साल होगी अपडेट, शिक्षा मंत्रालय ने कहा..
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) से पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा करने के लिए एक वार्षिक प्रणाली लागू करने और हर शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से पहले नई पाठ्यपुस्तकों को छापने से पहले उनमें आवश्यक बदलाव करने को कहा है।
इस घटनाक्रम से परिचित अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है। अबतक, NCERT की पाठ्यपुस्तकों को अद्यतन करने से संबंधित कोई दिशानिर्देश नहीं था।
हालांकि, परिषद 2017 से पाठ्यपुस्तकों की समय-समय पर समीक्षा कर रही है और उनकी सामग्री को अद्यतन कर रही है।
इसने कोविड-19 महामारी के बीच छात्रों पर पढ़ाई के दबाव को कम करने के लिए पाठ्यक्रम में तर्कसंगत बदलाव लाते हुए पाठ्यपुस्तकों में बड़े बदलाव किए हैं लेकिन NCERT पर, एक खास एजेंडा के तहत पाठ्यपुस्तकों से कुछ अंश हटाने के आरोप लगे थे।
सूत्रों ने बताया, ‘‘आज की तेजी से बदलती दुनिया में, यह जरूरी है कि पाठ्यपुस्तकें पूरी तरह से अद्यतन रहें। NCERT को सालाना आधार पर एक समीक्षा करने और नये अकादमिक सत्र शुरू होने से पहले (पाठ्यपुस्तकों को) अद्यतन करने को कहा गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एनसीईआरटी की पुस्तकें प्रकाशित होने पर कई साल तक उसी रूप में नहीं रहनी चाहिए। छपाई से पहले हर साल उनकी समीक्षा की जानी चाहिए और यदि कोई बदलाव किया जाता है या कुछ नये तथ्य जोड़े जाने हैं, तो उन्हें पुस्तकों में शामिल किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, कृत्रिम मेधा (एआई) जैसे विषय।’’
वर्तमान में, एनसीईआरटी पिछले साल घोषित राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) के अनुसार पाठ्यपुस्तकें तैयार करने की प्रक्रिया में जुटी है। सूत्रों ने बताया, ‘‘नये पाठ्यक्रम के अनुसार पाठ्यपुस्तकें सभी कक्षाओं के लिए 2026 तक तैयार हो जाएंगी…
नयी एनसीएफ की तर्ज पर सभी कक्षाओं के लिए सारी पाठ्यपुस्तकें जारी करने में कम से कम दो साल का समय लगेगा।’’ इस साल, एनसीईआरटी ने तीसरी और छठी कक्षाओं के लिए नयी पाठ्पुस्तकें जारी की हैं।
NCERT राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन के एक हिस्से के रूप में पिछले साल जारी किए गए नए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (एनसीएफ) के अनुरूप पाठ्यपुस्तकों को संशोधित कर रही है। परिषद ने इस वर्ष केवल कक्षा 3 और 6 के लिए एनसीएफ के अनुरूप नई पाठ्यपुस्तकें जारी की हैं।
एनसीईआरटी ने इस वर्ष अपने इतिहास, राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र की पाठ्यपुस्तकों में कुछ बड़े बदलाव किए हैं। इसके तहत बाबरी मस्जिद, हिंदुत्व की राजनीति, 2002 के गुजरात दंगों और अल्पसंख्यकों के कुछ संदर्भों को हटा दिया है, जबकि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का संदर्भ जोड़ते हुए, “आजाद पाकिस्तान” शब्द को “पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके)” से बदल दिया है।