बिलासपुर

आजादी के वर्षों बाद भी आदिवासियों की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया….अरविंद नेताम

(इरशाद अली संपादक) : बिलासपुर। हमर राज पार्टी के संस्थापक पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा की आदिवासी इलाकों में समस्याएं आज भी उसी तरह की बनी हुई है। राज्य बनने के बाद भी इसमें किसी तरह का कोई सुधार नहीं आया।उनकी नई पार्टी सभी लोगों को साथ लेकर चलने का इरादा लेकर आई है और तमाम समस्याओं के समाधान को लेकर इस पार्टी का उदय किया गया है।बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ही पार्टी मैदान में उतरी है। बिलासपुर प्रेस क्लब में पहुंचे हमर राज पार्टी के संथापक और पदाधिकारियों ने मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा की। श्री नेताम ने आरोप लगाए कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दलों ने क्षेत्रीय समस्याओं की ओर कभी ध्यान नहीं दिया। इसका समाधान नहीं किया। जल जंगल जमीन खतरे में है। पब्लिक सेक्टर के कारण ही अभी तक कुछ हद तक बचा हुआ है और लोगों के हितों की रक्षा इसके रहते ही होगी। जैसे ही सारी चीजों का प्राइवेटाईजेशन होगा सभी चीजे हाथ से निकल जाएगी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस शासन काल 1996 में पेशा कानून बनाया गया था जिसे कांग्रेस की पार्टी ने ही खत्म कर दिया।

पेसा कानून के बावजूद बिना ग्राम सभा की अनुमति के खदानों के लाइसेंस बांटे जाते रहे है। श्री नेताम ने कहा कि आदिवासी इलाके के लोग खतरे में है। दोनों प्रमुख पार्टी की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है।उन्होंने कहा कि हसदेव के जंगल को बचाया जाना बहुत जरूरी है। उस जंगल में जो साल के पेड़ है वह लगाए नहीं जा सकते। वह अपने आप उगते हैं। और ऐसे पेड़ों को काटा जा रहा है जिसका भुगतान सभी भुगतेंगे। उन्होंने कहा कि हमर राज पार्टी में अच्छे लोगों की तलाश हो रही है और सुदीप श्रीवास्तव जैसे लोग मिलते जाएंगे तो पार्टी और मजबूत होती जाएगी। एक दिन ऐसा आएगा कि दूसरी पार्टियों को यह पार्टी पीछे कर देगी।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अकबर राम कोर्राम ने कहा कि करीब 12 राज्यों का दौरा करने के बाद उन्होंने पाया कि हर जगह आदिवासियों की हालत कुछ इसी तरह की है। इसलिए प्रत्याशी तैयार कर उन्हें चुनाव लड़ाया जा रहा हैं। न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि दूसरे राज्यों में भी यह पार्टी विधानसभा और लोकसभा का चुनाव लडवा रही है।

किसी भी ग्राम पंचायत में जाकर देख लो वहां पंचायत के प्रतिनिधियों की बजाय सभी काम ठेकेदारों के द्वारा किया और कराया जा रहा है। चाहे छत्तीसगढ़ के आदिवासी हो या किसी भी प्रदेश के सभी जगह उन्हें बुनियादी सुविधाएं प्राप्त नहीं हो रही है। छत्तीसगढ़ में ही देख लो उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।आदिवासी क्षेत्रों में स्कूल बंद है, छात्रावासो में ठूंस ठूंस कर छात्र-छात्राओं को भरा गया है। इस तरह की परेशानियों से आदिवासी गुजर रहे हैं।

बिलासपुर लोकसभा के प्रत्याशी सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि बिलासपुर का राजनीतिक वजन अविभाजित मध्य प्रदेश के पहले से ही काफी मजबूत रहा है। राज्य बनने के बाद भी यह जिला महत्वपूर्ण रहा। अंग्रेजों के समय जब बिलासपुर की उपेक्षा हुई थी तब अंग्रेजों ने भी बिलासपुर की लड़ाई लड़ी और कमिश्नरी बिलासपुर में स्थापित कराया था।श्री श्रीवास्तव ने भी बीजेपी कांग्रेस को रस्म अदायगी पार्टी बताया। दोनों प्रत्याशियों को बाहरी बताते हुए उन्होंने कहा कि दुर्ग से आया प्रत्याशी बीएसपी के कब्जे से लोगों की जमीन को फ्री नहीं करवा सका इसलिए वहां से भाग कर बिलासपुर आ गया है।

इसी तरह भाजपा का प्रत्याशी भी बाहर से लाकर थोप दिया गया है। उन्होंने इन्हें चुका हुआ कारतूस बताया। सुदीप ने कहा कि इस समय संविधान खत्म होने की चर्चा हो रही है। 1947 के संविधान सभा में 70 फ़ीसदी वकील हुआ करते थे आज इस पर कोई बात करने को तैयार नहीं है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने मान लिया है कि किसी को भी वे चुनाव मैदान में उतार देंगे,पब्लिक उन्ही को वोट देगी। इस धारणा को तोड़ने के लिए ही तीसरी पार्टी की आवश्यकता है,जिसके लिए वह खुद हमर राज पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं।सुदीप श्रीवास्तव ने सभी से समर्थन की मांग की है।

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