राहुल रायबरेली से लड़ेंगे, स्मृति के मुकाबले कांग्रेस से केएल शर्मा..
नेहरू-गांधी परिवार ने अमेठी सीट छोड़ने और राहुल गांधी को रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ाने का फैसला किया है। प्रियंका गांधी इस बार भी खुद लड़ने के बदले चुनाव प्रचार करेंगी। अमेठी में स्मृति ईरानी के खिलाफ कांग्रेस ने रायबरेली में सोनिया गांधी के प्रतिनिधि रहे केएल शर्मा को टिकट दिया है।
राहुल वायनाड के अलावा किसी और सीट से लड़ने को तैयार नहीं थे लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्हें यूपी से लड़ने के लिए मना लिया है। प्रियंका गांधी पार्टी के नेताओं की तमाम कोशिश के बावजूद लड़ने को तैयार नहीं हुईं।
स्मृति ईरानी कई दिनों से राहुल गांधी पर अमेठी से भागने का आरोप लगा रही थीं। शुक्रवार को दोनों सीट पर नामांकन का आखिरी दिन है। गांधी परिवार की मौजूदगी में दोनों सीट पर नॉमिनेशन और रोड शो की कांग्रेस ने तैयारी पूरी कर रखी है।
राहुल गांधी का रायबरेली में भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह से मुकाबला होगा जो 2019 में सोनिया गांधी से चुनाव हार चुके हैं। भाजपा ने भी लंबे इंतजार के बाद गुरुवार की दोपहर रायबरेली से योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को उतारा है।
सोनिया गांधी के खिलाफ पिछले चुनाव में दिनेश प्रताप सिंह को जो वोट मिला वो सोनिया के खिलाफ अब तक लड़े सारे कैंडिडेट में सबसे ज्यादा था। पिछली बार की तरह इस बार भी राहुल दो सीटों से मैदान में हैं। राहुल केरल की वायनाड सीट से भी लड़ रहे हैं जहां से वो 2019 में जीते थे और इस बार भी लड़ रहे हैं। वायनाड में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान हो चुका है।
राहुल की जगह अमेठी से मैदान में उतरे केएल शर्मा यानी किशोरी लाल शर्मा रायबरेली में सोनिया गांधी के प्रतिनिधि रहे हैं। केएल शर्मा ने अमेठी में राजीव गांधी और कैप्टन सतीश शर्मा के साथ काम किया है। वह कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके हैं। केएल शर्मा को अमेठी में कैंडिडेट बनाकर गांधी परिवार ने सीट लड़ने का काम अपने भरोसेमंद आदमी के हाथ में सौंपा है।