छत्तीसगढ़

हेड कांस्टेबल की आत्महत्या के मामले में सुलगने लगे सवाल, एसपी ने बिठाई जांच कमेटी…..

(भूपेंद्र सिंह राठौर के साथ राजा खान ) : बिलासपुर : सरकंडा थाने में पदस्थ रहे हेड कांस्टेबल लखन मेश्राम की मौत का मामला अब और गरमाता जा रहा है। कांग्रेस के पूर्व नगर विधायक शैलेश पांडेय के बाद सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ संगठन ने मृतक को न्याय दिलाने की मांग की है। इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक ने जांच टीम गठित करने की बात कही है।

सरकंडा थाने के हेड कांस्टेबल लखन मेश्राम के कथित सुसाइड केस में उनके बेटे कृष्णकांत मेश्राम ने पुलिस महकमे पर कई गम्भीर आरोप लगाए है। वह अपने पिता की खुद्कुशी के पीछे थाने में टेंशन को वजह बता रहा है।  कृष्णकांत के अनुसार -घटना के  दिन वे बार-बार थाने आना-जाना  कर रहे थे।

वहीं से अधिक फोन आ रहा था। उसी रात 12 बजे घर आए फिर अचानक  लापता हो गए। परिजन पूरी रात  ढृंढते रहे पर पता नहीं चला। सुबह  घर के पीछे नीम के पेड़ पर उनकी  लाश लटकती मिली। शायद उन्होंने  सुसाइड किया था।

सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ संगठन का कहना है कि ट्रेनी थाना इंचार्ज डीएसपी पर आरोप लगा है कि उनकी प्रताड़ना से लखन मेश्राम ने अपनी जान दी है, जिसकी जांच कर संबंधित अफसर को निलंबित कर एफआईआर दर्ज की जाए,वरना आदिवासी समाज एसपी ऑफिस का घेराव करने पर मजबूर हो जाएगा।

इस पूरे मामले में बिलासपुर पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने बताया कि प्रधान आरक्षक के आत्महत्या के कारणों की बारीकी से जांच की जा रही है,इसके लिए एडिशनल एसपी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है जो हर पहलू पर जांच कर रहे है।

प्रधान आरक्षक लखन मेश्राम सरकंडा थाने में मालखाना की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इंटरनेट मीडिया पर आरोप लगाया जा रहा है कि थाने में पदस्थ अधिकारी उन पर मालखाने में जब्त सामान को न्यायालय में पेश करने का दबाव बना रहे थे।

गुरुवार की शाम इसी बात को लेकर अधिकारी ने उन्हें फटकार लगाई थी। इस पर उन्होंने कम समय में मालखाने से सामान निकालकर न्यायालय में पेश कर पाने में असमर्थता जताई थी,और इसी के बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली थी।

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