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नस्लवादी टिप्पणी पर घिरे सैम पित्रोदा का इस्तीफा..

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। नस्लवादी टिप्पणी करने के बाद से वह विपक्ष के निशाने पर थे। कांग्रेस पार्टी ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया था।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि पार्टी नेतृत्व ने पित्रोदा के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। पित्रोदा के बयान से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था।

पिछले दिनों ‘द स्टेट्समैन’ के साथ एक साक्षात्कार में सैम पित्रोदा ने देश की विविधता का एक लोकतांत्रिक उदाहरण पेश करते हुए कहा था, “हम भारत जैसे विविधतापूर्ण देश को एक साथ रख सकते हैं .

जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग शायद गोरे जैसे दिखते हैं और दक्षिण के लोग अफ्रीकी जैसे दिखते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम सभी भाई-बहन हैं।”

पित्रोदा के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इसके बाद पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने उनके बयान से पार्टी को अलग करते हुए सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा था.

“सैम पित्रोदा ने पॉडकास्ट में भारत की विविधता को दर्शाने के लिए जो उदाहरण दिए हैं, वे सबसे दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उदाहरणों से खुद को पूरी तरह से अलग करती है।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा ने भारत की विविधता को चित्रित करने संबंधी सैम पित्रोदा की टिप्पणियों को लेकर बुधवार को विपक्षी दल पर निशाना साधा। मोदी ने इन टिप्पणियों को ‘‘नस्ली’’ बताते हुए कहा कि लोग त्वचा के रंग के आधार पर देशवासियों का अपमान करने के प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेंगे। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पित्रोदा की ‘‘नस्ली’’ टिप्पणियों को लेकर उन पर निशाना साधा और दावा किया कि इससे विपक्षी दल की ‘‘विभाजनकारी’’ राजनीति बेनकाब हो गई है।

इससे पहले पित्रोदा ने विरासत कर के बारे में बात करके विवाद खड़ा कर दिया था, जिसे भाजपा ने चुनावी मुद्दा बना लिया। पित्रोदा ने कांग्रेस के घोषणापत्र में ‘संपदा के पुन: वितरण’ के मुद्दे पर बात करते हुए ‘अमेरिका में विरासत कर’ का उल्लेख किया था। इसके बाद भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधना शुरू कर दिया था।

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